
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: मध्य प्रदेश में लगातार दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए हिरण्यगर्भा अभियान चलाकर पशुओं की नस्ल सुधारने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। ब्रीडर एसोसिएशन बनाकर अच्छी नस्ल के पशु तैयार करेंगे। गोपालकों को भी पशुओं के रखरखाव और दुग्ध उत्पादन कैसे बढ़ाए इसके गुर सिखाए जा रहे हैं। 9 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन बढ़कर 12 लाख लीटर हो गया है, तीन वर्ष में 33 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए समितियां भी बनाई जाएंगी।
यह जानकारी प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री लखन पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में पत्रकारों को दी। उन्होंने विभाग की दो साल की उपलब्धियां और आगामी तीन वर्ष की कार्ययोजना भी बताई।
मंत्री पटेल ने बताया कि विभाग ने दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का नवाचार किया है। इस अभियान के अंतर्गत दुग्ध पलकों से उनके घर-घर जाकर संपर्क किया जा रहा है। पहला चरण दो अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक अभियान चला और अब 17 दिसंबर से दूसरा चरण शुरू हुआ है।
मध्य प्रदेश में 8.24 लाख गाय हैं, इनमें से 4.71 लाख गाए गोशालाओं में है। निराश्रित गोवंश के लिए स्वावलंबी गोशाला योजना बनाई है। 19 जिलों में 20 जगह चिन्हित कर गोशाला के लिए टेंडर निकाला है, 29 दिसंबर अंतिम तारीख है। गोशाला संचालन में ऑस्ट्रेलिया और दिल्ली के लोगों ने रुचि दिखाई है। 5000 क्षमता की प्रत्येक गौ शाला पीपीपी माडल पर संचालित की जाएगी। 50 से 70 करोड़ रुपये तक निवेश करना होगा।
वहीं सड़कों पर गोवंश को लेकर मंत्री पटेल ने कहा कि आज यह प्रैक्टिस चालू हो गई है कि गाय का दूध दुहा और छोड़ दिया। जनता को जागृत करने की आवश्यकता है कि गाय को व्यवस्थित रखें। गायों को चिप लगाई जा रही है कहां कितनी गाय हैं, इससे पता चल जाता है। सरकार अभी एक गाय के लिए 40 रुपये दे रही है।
वहीं बताया कि 70 पशु चिकित्सक नियुक्त किए है जल्द ही 192 पशु चिकित्सक भी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पशु एम्बुलेंस की संख्या भी बढ़ाएंगे। गोशालाओं में गायों की मौत पर मंत्री पटल ने कहा कि कुछ गाय बूढ़ी होने कारण मर जाती है लेकिन जहां लापरवाही के कारण मौतें हुई है जानकारी मिलने पर निश्चित ही कार्रवाई करेंगे। मध्य प्रदेश में गोवंश हत्या पर सात साल तक सजा का प्रविधान है। गोवंश के अवैध परिवहन करने वाले वाहन छोड़े नहीं जाएंगे सीधे राजसात किए जाएंगे।
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मंत्री लखन पटेल और विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कहा है कि वे शाकाहारी है, कड़कनाथ नहीं खाते। लेकिन कड़कनाथ की डिमांड पूरी करने कार्ययोजना बना रहे है। वहीं मंत्री लखन पटेल ने कहा है कि गायों की सुरक्षा के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अभी पांच हजार परिवारों को कड़कनाथ के चूजों पालन के लिए देते हैं। प्रयास होगा कि इसमें बैंक फाइनेंस की भी व्यवस्था हो।