प्रदेश के 12 हजार से अधिक स्कूलों में 322 के पास भवन नहीं, 5600 जर्जर भवन में हो रहे संचालित, अब बहुरेंगे इनके दिन
प्रदेश के 1,22,20 स्कूलों में से 322 के पास भवन नहीं है, जबकि 5,600 स्कूल जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। इसी तरह करीब चार हजार से अधिक स्कूलों में बालिका व बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है तो करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों में प्रयोगशाला नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की स्कूल शिक्षा पर एकीकृत जिला सूचना रिपोर्ट सत्र 2024-25 में यह बात सामने आई है।
Publish Date: Tue, 18 Nov 2025 10:58:05 AM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Nov 2025 11:36:42 AM (IST)
मध्य प्रदेश के 12 हजार से अधिक स्कूलों में 322 के पास भवन नहीं हैं।HighLights
- करीब चार हजार से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं
- करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों में प्रयोगशाला नहीं
- 200 ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर करीब 200 करोड़ स्वीकृत
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल : प्रदेश के 1,22,20 स्कूलों में से 322 के पास भवन नहीं है, जबकि 5,600 स्कूल जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। इसी तरह करीब चार हजार से अधिक स्कूलों में बालिका व बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है तो करीब डेढ़ हजार से अधिक स्कूलों में प्रयोगशाला नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की यूडाइस यानी स्कूल शिक्षा पर एकीकृत जिला सूचना रिपोर्ट सत्र 2024-25 में यह बात सामने आई है।
करीब 200 करोड़ रुपये स्वीकृत
इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के आठ हजार हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में से करीब 200 ऐसे स्कूलों को चिह्नित किया है, जिनमें अतिरिक्त कक्ष, शौचालय व प्रयोगशाला, बाउंड्रीवाल नहीं हैं। इन स्कूलों के लिए विभाग ने करीब 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
इसमें से 66 प्रतिशत राशि वित्त विभाग की ओर से जारी कर दी गई है। प्रत्येक स्कूलों को करीब 22 से 30 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। विभाग ने स्कूलों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर फोटो भेजने के लिए कहा है, ताकि इन स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।
4,072 स्कूलों में बालिका शौचालय नहीं
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के 4,072 स्कूलों में बालिका शौचालय और 4,926 स्कूलों में बालकों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं 564 में पेयजल सुविधा नहीं है तो 39,500 में बाउंड्रीवाल और करीब छह हजार में खेल मैदान नहीं है।
नया भवन एक ही इकाई में होना चाहिए
जिन स्कूलों की भवन संरचनाएं अत्यंत जर्जर व जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। उन सभी भवनों को ध्वस्त कर उसी स्थान पर नए भवन का निर्माण कराने के निर्देश दिए गए हैं। नवीन भवन का निर्माण इस प्रकार कराया जाएगा, ताकि वर्तमान भवन के साथ समाहित हो। पूरा भवन एक ही इकाई के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।
प्रदेश के आंकड़े
- 1,22,20 प्रदेश में स्कूलों की संख्या
- 10,800 बिजली आपूर्ति नहीं
- 14,916 लाइब्रेरी नहीं है
- 2,301 डिजिटल लाइब्रेरी नहीं
- 1,19,412 खेल का मैदान नहीं
- 6,213 पीने का पानी उपलब्ध नहीं
- 564 पीने के पानी की सुविधा नहीं
- 1,365 बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं
प्रदेश के 200 हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों को चिह्नित किया गया है। जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। इसे देखते हुए 200 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
- पीके सिंह, उप संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय