
राज्य ब्यूरो, भोपाल। वेतन, पेंशन, अनुदान, छात्रवृत्ति सहित अन्य भुगतान में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। यदि अधिकारी की लापरवाही से गलत भुगतान होता है तो दोषी के विरुद्ध एफआइआर कराई जाएगी, इसलिए सतर्कता के साथ काम करें। यह निर्देश उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्त विभाग के अधिकारियों को दिए। विभाग 162 करोड़ रुपये के गलत भुगतान पकड़ चुका है। 15 करोड़ रुपये की वसूली भी की गई है।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा है कि वित्तीय अनियमितताओं पर नियंत्रण के लिए डाटा एनालिसिस समेत इंटेलीजेंस टूल आधारित व्यवस्थाओं को लागू किया है। गलत भुगतान के प्रकरणों में जांच के निष्कर्ष के आधार वित्तीय इंटेलीजेंस सिस्टम में सुधार किया जाए। आहरण एवं संवितरण अधिकारी वित्तीय अनुशासन का पालन करें, सतर्क रहें और संवेदनशीलता के साथ भुगतान संबंधी काम करें। इसमें लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर कराने के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
विभाग में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली का साफ्टवेयर संचालित है। इसके माध्यम से साढ़े पांच हजार से अधिक आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा देयकों का भुगतान किया जाता है। इसमें प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों का वेतन, कार्यालयीन व्यय, अनुदान, छात्रवृत्ति आदि शामिल है। विभाग ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों के भुगतानों का विश्लेषण किया । इसमें गलत भुगतान का पहला प्रकरण कलेक्टर कार्यालय इंदौर में सामने आया था। अब तक 162 करोड़ रुपये के गलत भुगतान पकड़े गए और 15 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है।