
सुशील पांडेय, भोपाल। संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक समारोहों में इन दिनों नियम विरुद्ध कलाकारों को दोहराने का खेल चल रहा है, जबकि विभाग ने ही जुलाई 2023 में एक आदेश जारी कर स्पष्ट कहा था कि संचालनालय, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद और अनुषंग अपने द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों में आमंत्रित कलाकारों में दोहराव न करें।
पिछले तीन माह में तीन कलाकारों को दो या इससे अधिक बार प्रस्तुति के लिए बुलाया गया है। आदेश में कलाकारों को दोहराने की अवधि को लेकर एक सूची जारी की गई थी, जिसमें निम्नतम समय सीमा दो माह की थी, जो लोकगीत और जनजातीय कलाकारों के लिए थी। शेष सभी वर्गों के लिए यह समय सीमा पांच महीने से दो साल तक है।
यदि इस समय सीमा को कलाकारों के मानदेय की भाषा में समझें तो एक से दो लाख मानदेय पाने वाले कलाकारों का दोहराव दो महीने में तो 50 लाख या उससे अधिक मानदेय पाने वाले कलाकारों को दो साल के अंतराल से आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए थे। परंतु, संस्कृति संचालनालय ने कई कलाकारों को एक महीने में दो-दो बार बुलाया है, जो किसी भी प्रकार से शासन के आदेश का पालन नहीं कहा जा सकता।
समारोहों में दोहराए गए कलाकार
शरद शर्मा, मुंबई
सलीम अल्लाहवाले, भोपाल
अखिलेश गुंदेचा भोपाल
ग्वालियर भारत भवन के कई प्रोग्राम में भी इन्हें अवसर मिला है।
मुंबई के प्रसिद्ध कलाकार
ए ग्रेड शास्त्रीय कलाकार
बी ग्रेड शास्त्रीय कलाकार
ए ग्रेड शास्त्रीय कलाकार
कवि साहित्यकार
कोई एक कलाकार यदि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में बार-बार प्रस्तुति देता है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हम कलाकारों को तय दर से कम भुगतान कर उनका दोहराव करते हैं। एक बार का भुगतान कर बार- बार बुलाने से सरकारी धन की बचत ही होती है।
अदिति कुमार त्रिपाठी, संचालक संस्कृति विभाग।