मुकेश विश्वकर्मा, नवदुनिया, भोपाल। राजधानी के भदभदा रोड पर देश का पहला बेल्जियम ग्लास एक्वापार्क रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह अत्याधुनिक केंद्र मछली पालन, पर्यटन और शोध तीनों क्षेत्रों में उपयोगी होगा। यह देश का पहला ऐसा एक्वेरियम होगा, जो बेल्जियम ग्लास से बनी सुरंग जैसी संरचना में तैयार होगा। यहां लोग रंग-बिरंगी मछलियों को पानी के भीतर जाकर देखने का रोमांच अनुभव कर सकेंगे।
इस परियोजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देना, युवाओं को प्रशिक्षण देना और भोपाल को पर्यटन के नक्शे पर लाना है। मछली पालन के पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ते हुए यह सेंटर आधुनिक तकनीकों और नवाचार को प्रोत्साहित करेगा। परियोजना का प्रस्ताव वर्ष 2015 में तैयार हुआ था, लेकिन तकनीकी प्रक्रिया और भूमि आवंटन में विलंब के कारण इसमें देरी हुई है। साल 2026 तक इसका निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
निधि निवेदिता (एमडी, मप्र मत्स्य संचालनालय) ने बताया कि यह केंद्र हमारे राज्य के मछली पालकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे स्थानीय मत्स्य उत्पादन को वैज्ञानिक आधार मिलेगा, वहीं युवाओं को प्रशिक्षण व रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। यह पर्यटन की दृष्टि से भी अनोखा स्थान बनेगा, जो देशभर से पर्यटकों को आकर्षित करेगा।