MP News: उज्जैन में बनी मप्र की आठवीं खुली जेल, परिवार सहित रह सकेंगे 21 कैदी
कैदियों के प्रति समाज में हीन भावना न हो इसलिए खुली जेल का माडल जेल से निकलने के बाद कैदियों के समाज में हीनभावना से न देखा जाएगा, इसलिए खुली जेल का माॅडल बनाया गया है। वे खुली जेल में रहकर समाज के बीच में काम करके घुल-मिल जाएंगे और जेल में अपनी सजा पूरी करने के बाद समाज के बीच आम जीवन जीएंगे।
Publish Date: Fri, 21 Jun 2024 05:56:19 PM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Jun 2024 06:07:14 PM (IST)
उज्जैन में बनकर तैयार हुई है ओपन जेल। -फाइल फोटोHighLights
- -प्रतिदिन सुबह काम पर जाकर शाम को कैदियों को आना होगा
- - आरंभ में सरकार उपलब्ध कराएगी राशन और रसोई गैस
- -एक माह बाद कैदी को खुद ही करनी होगी व्यवस्था
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में मध्य प्रदेश की आठवीं खुली जेल बनकर तैयार हो गई है। इनमें वन बीएचके (एक बेडरूम, हॉल किचन और शौचालय) के 21 मकान बनाए गए हैं। इनमें खुली जेल के लिए पात्र कैदी अपने परिवार सहित रहकर जीवन यापन कर सकेंगे।
राज्य सरकार ने खुली कालोनी उज्जैन को खुली जेल उज्जैन के रूप में घोषित कर दिया है। यह प्रदेश की आठवीं खुली जेल है। इससे पहले होशंगाबाद, इंदौर, सागर, सतना, जबलपुर, भोपाल एवं नरसिंहपुर में खुली जेल बनाई जा चुकी है।
खुली जेल के कैदियों को एक माह तक जीवन यापन के लिए राशन, गैस सिलेंडर सहित जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद उन्हें खुद ही अपना इंतजाम करना होगा।
वे अपनी पत्नी बच्चों के साथ यहां रह सकेंगे। प्रतिदिन सुबह काम पर जाकर शाम को खुली जेल में आना होगा। सुबह और शाम कैदियों की गणना की जाएगी।
शहर में रोजगार उपलब्ध कराएगा जेल प्रबंधन उज्जैन शहर में ही जेल प्रबंधन कैदी को जीवन यापन के लिए रोजगार उपलब्ध कराएगा। उनकी कार्य कुशलता के अनुसार रोजगार दिलाया जाएगा।
इसके लिए कई कैदियों को जेल में ही सिलाई, ड्राइविंग सहित अलग-अलग विधा में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उनकी रुचि के अनुरूप कार्य दिलाया जाएगा।
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