नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के समीप ही खुली जेल नवजीवन आश्रम बनकर तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसका शुभारंभ किया जाएगा। गुरुवार को जेल डीजी भी आकर दौरा कर चुके हैं। इस जेल में आजीवन कैद की सजा काट रहे 20 कैदी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे।
लंबे समय से उज्जैन में खुली जेल बनाने की कवायद की जा रही थी। जेल मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद अब खुली जेल नवजीवन आश्रम बनकर पूरी तरह तैयार हो गई है। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के समीप जेल की जमीन पर बनी इस खुली जेल में 20 कैदियों की परिवार सहित रहने की व्यवस्था की गई है।
इसमें आजीवन कैद की सजा काट रहे ऐसे कैदियों को रखा जाएगा जिनकी 10 साल सजा पूरी हो चुकी है और चार साल की माफी मिल चुकी है। जिन कैदियों का आचरण अच्छा हो तथा वह समय-समय पर पैरोल भी जाते रहे हो। अधिकारियों का कहना है कि जेल प्रशासन ही कैदियों को जेल से बाहर संस्थानों व प्रतिष्ठानों पर रोजगार मुहैया करवाएगा। जहां सुबह कैदी काम पर जाएंगे और शाम होते ही वापस जेल में लौट आएंगे।
जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने बताया कि गुरुवार को जेल महानिदेशक गोविंद प्रताप सिंह आकस्मिक निरीक्षण करने उज्जैन पहुंचे थे। यहां उन्होंने केंद्रीय जेल भैरवगढ़ का निरीक्षण किया। इसके बाद नवनिर्मित नवजीवन आश्रम खुली जेल का निरीक्षण भी करने पहुंचे।
इस दौरान जेल अधीक्षक साहू ने डीजी जेल गोविंद प्रतापसिंह को जेल में संचालित सभी गतिविधियों एवं सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी। इसके बाद डीजी जेल ने सब जेल तराना का निरीक्षण किया।