नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। प्रदेश के करीब सवा दो लाख शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने की तैयारी चल रही है। ये वे शिक्षक हैं जिन्हें अध्यापक संवर्ग से शिक्षा सेवा में संविलयन के बाद शामिल किया गया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआई)को पत्र भेजा गया है। अब विभाग द्वारा शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करने का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है।
दरअसल, 1998 से प्रदेश के स्कूलों में अध्यापक संवर्ग के तहत शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विभाग में दो लाख 37 हजार शिक्षक अध्यापक संवर्ग में कार्यरत थे। शासन ने जुलाई 2018 में अध्यापक संवर्ग को राज्य शिक्षा सेवा कैडर में नियुक्ति दी।
राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग में अध्यापक संवर्ग का नियुक्ति के स्थान पर संविलियन करने से इन शिक्षकों को वरिष्ठता, पदोन्नति, क्रमोन्नति, ग्रेच्युटी, परिवार पेंशन आदि सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिक्षकों को नियुक्ति के दिन से वरिष्ठता देने पर विचार किया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने डीपीआई को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में नवीन शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान करने सहित ग्रेच्युटी व पुरानी परिवार पेंशन प्रदान करने के संबंध में कार्यवाही की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की सर्विस नियुक्ति दिनांक से नहीं मानी है। शिक्षकों की सेवा की गणना राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति जुलाई 2018 से की गई है। इससे शिक्षकों को ग्रेच्युटी, पेंशन, अर्जित अवकाश आदि के लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। हालाकि क्रमोन्नति व पदोन्नति के मामले में नियुक्ति दिनांक से सेवा की गणना की जा रही है।
-राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने के लिए अभी कोई आदेश नहीं मिला है। वरिष्ठता के संबंध में शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।
केके द्विवेदी, संचालक, डीपीआई