
नईदुनिया, भोपाल: सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में केवल पात्र नागरिकों को ही खाद्यान्न मिले, इसके लिए भारत सरकार ने लाभार्थी सूची का शुद्धिकरण शुरू किया है। सॉफ्टवेयर की सहायता से मध्य प्रदेश के 1,77,165 हितग्राही संदिग्ध पाए गए, जिनका सत्यापन राज्य सरकार से कराने के निर्देश दिए गए थे।
प्रदेश सरकार ने अब तक 40,501 हितग्राहियों का सत्यापन किया। इनमें से गुण-दोष के आधार पर 19,180 के नाम सूची से हटाने और 16,275 को यथावत रखने का निर्णय लिया गया है। लगभग पांच हजार हितग्राहियों पर निर्णय बाकी है।
भारत सरकार ने वार्षिक छह लाख रुपये से अधिक आय वाले, GST भुगतान करने वाले, कंपनी में संचालक, सौ वर्ष से अधिक आयु वाले और 18 वर्ष से कम आयु के हितग्राहियों की भी अलग-अलग सूची राज्य को भेजी थी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जिलों के माध्यम से इन सभी की जांच कराई। छह लाख से अधिक आय वालों की श्रेणी में 4,931 को यथावत रखते हुए 15,000 के नाम हटाए गए। कंपनी में संचालक वाले 2,559 हितग्राही पात्र पाए गए, जबकि 1,200 को अपात्र घोषित किया गया। जीएसटी भुगतान करने वाले 1,276 हितग्राहियों के नाम सूची से हटे।
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इसी तरह, सौ वर्ष से अधिक आयु वालों में 6,908 को पात्र माना गया, जबकि 2,800 के नाम हटाए गए। 18 वर्ष से कम आयु श्रेणी में 6,098 के नाम यथावत रखे गए और 2,800 हटाए गए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, शेष हितग्राहियों का सत्यापन जारी है और जो भी पात्रता मानदंडों पर खरा नहीं उतरेगा, उसका नाम सूची से हटा दिया जाएगा।
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