नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: मध्य प्रदेश के हजारों फार्मेसी विद्यार्थियों को अब अपने ज़रूरी कामों जैसे वेरिफिकेशन (जांच) या आवेदन के लिए भोपाल स्थित फार्मेसी काउंसिल के दफ्तर के बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। काउंसिल एक नया और आधुनिक डिजिटल साफ्टवेयर तैयार कर रही है, जिसकी मदद से छात्र घर बैठे ही ऑनलाइन अपने सारे काम कर सकेंगे।
अभी तक फार्मेसी के छात्रों और नए आवेदकों को हर छोटे-बड़े काम के लिए भोपाल आना पड़ता था। चाहे वह डिग्री का वेरिफिकेशन हो, रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना हो या किसी जानकारी को अपडेट करना हो, सभी के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती थी। इसमें न केवल उनका कीमती समय बर्बाद होता था, बल्कि किराये और अन्य खर्चों में काफी पैसा भी लगता था। दूर-दराज के इलाकों से आने वाले छात्रों के लिए तो यह और भी मुश्किल होता था, क्योंकि उन्हें कई बार एक ही काम के लिए बार-बार आना पड़ता था, जिससे पढ़ाई भी प्रभावित होती थी।
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यह नई व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे छात्रों को समय, पैसे और यात्रा की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। साफ्टवेयर तैयार होते ही इसके माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया भी संभवतः शुरू की जाएगी। काउंसिल का मुख्य उद्देश्य इस पहल के ज़रिए फार्मेसी शिक्षा से जुड़े सभी कार्यों को पारदर्शी, सरल और आधुनिक बनाना है। यह कदम राज्य के सुदूर क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जिन्हें अब तक हर प्रक्रिया के लिए भोपाल आना पड़ता था।
एमपी फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि फार्मेसी के छात्रों को किसी भी काम के लिए परेशान न होना पड़े। यह डिजिटल साफ्टवेयर उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेगा और उन्हें घर बैठे ही सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों का समय और पैसा भी बचेगा। हम जल्द ही इसे लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।