
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के साथ ही मध्य प्रदेश में करीब 8001 नए पोलिंग बूथ (मतदान केंद्र) भी बनाए जाएंगे। इसका प्रस्ताव तैयार करके मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। प्रदेश में वर्तमान में 65 हजार 14 मतदाता बूथ हैं। वर्तमान में औसतन 1500 मतदाताओं पर एक बूथ है। चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब किसी भी पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रखे जा सकेंगे। इस लिहाज से एमपी में कुल बूथों की संख्या 73 हजार 15 हो जाएगी।
राजनीतिक दलों की ओर से 1,18,500 बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त किए गए हैं। भाजपा के निर्वाचन आयोग समन्वय विभाग के प्रदेश संयोजक एसएस उप्पल ने बताया कि भाजपा के प्रदेश में 64 हजार 500 बीएलए है और कांग्रेस के 54 हजार बीएलए हैं। बूथों की संख्या बढ़ने से राजनीतिक दलों को भी अपने बीएलए बढ़ाने होंगे। उनका प्रशिक्षण से लेकर उनकी जानकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को देनी होगी। इसी आधार पर वे आगामी चुनाव में पार्टी के लिए कार्य कर पाएंगे।
1500 मतदाताओं पर एक बूथ की व्यवस्था है लेकिन इतनी संख्या होने पर समय से मतदान की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। कई बार देर रात तक मतदान की स्थिति देखी गई है। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने इसकी नई गाइडलाइन तय कर किसी भी पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही रखे जाने का निर्णय लिया।
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भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग की तैयारियों के साथ हमारी भी तैयारी है। हमारे अभी करीब 64 हजार 500 बीएलए है। इनकी चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति की गई है। जैसे ही निर्वाचन आयोग बूथों की संख्या बढ़ाएगा, हम अपने बीएलए भी उसी अनुरूप बनाएंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सलाहकार केके मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन आयोग के हर पारदर्शी निर्णय का कांग्रेस पार्टी पालन करने को तैयार है। हमारी पूरी तैयारियां भी है, किंतु निर्वाचन आयोग को अपनी ईमानदार और निष्पक्षता वाली शैली को देश के सामने प्रस्तुत करना होगा।