नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बंगाल की खाड़ी में लगातार मौसम प्रणालियां बनने के कारण मध्य प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर वर्षा हो रही है। इस वजह से अभी एक सप्ताह तक मानसून की वापसी संभव नहीं है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार सोमवार-मंगलवार को इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। विशेषकर बड़वानी, आलीराजपुर, धार और झाबुआ में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, अन्य क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है।
रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक नरसिंहपुर में 12, खरगोन में 10, रतलाम में तीन, सिवनी में दो, पचमढ़ी, उज्जैन और दमोह में एक मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। प्रदेश में सर्वाधिक तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस ग्वालियर में रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले सात दिनों तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी संभव नहीं है।
फिलहाल पश्चिमी विदर्भ और उससे लगे उत्तर-मध्य महाराष्ट्र पर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे लेकर बंगाल की खाड़ी तक द्रोणिका बनी है, जो दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश से होकर गुजर रही है। 30 सितंबर को उत्तरी अंडमान सागर में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बनने की संभावना है, जो एक अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है।
इन इलाकों में भारी बारिश
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि विदर्भ और उससे लगे महाराष्ट्र पर बने गहरे कम दबाव की वजह से इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा संभव है। वहीं, पिछले 24 घंटों में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सिवनी में 48.2, बैतूल में 46.4, नर्मदापुरम में 42.9, खंडवा में 42, पचमढ़ी में 27.4, सागर में 26.4, खरगोन में 24.6, उमरिया में 19.8, भोपाल में 19.2, नरसिंहपुर में 17, दमोह में 16 और मलाजखंड में 15.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।