नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल (MP Heavy Rain Alert)। मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कहीं तेज बारिश हो रही है तो कहीं रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार-शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। शेष क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है।
5 संभागों के 23 जिलों ग्वालियर, अशोकनगर, दतिया, गुना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, मुरैना, सागर, निवाड़ी, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सिंगरौली, सीधी, सतना, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया में आज और कल भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
हरदा जिले में बुधवार रात हुई भारी बारिश के बाद नर्मदापुरम-खंडवा स्टेट हाईवे पर आवागमन गुरुवार सुबह बंद हो गया। हरदा के पास अजनाल नदी और कड़ोला गांव के पास मटकुल नदी का पुल पानी में डूब गया। इसके अलावा हरदा-मगरधा मुख्य मार्ग पर कनारदा रपटा पार करते समय पुलिसकर्मी कार सहित बह गया। पुलिसकर्मी ने तैरकर बचाई जान। वह सुबह हरदा से सिराली थाना में ड्यूटी करने जा रहा था। उधर मंदसौर के भानपुरा में तेज बारिश से जगह-जगह पानी भर गया है।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास गहरे कम दबाव का क्षेत्र मौजूद है। मानसून द्रोणिका भी ग्वालियर से होकर गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से प्रदेश में बारिश का सिलसिला बना हुआ है। बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक जबलपुर में 30, ग्वालियर में 29, पचमढ़ी में 24, मंडला में 21, दतिया में 14, सीधी में नौ, रतलाम में आठ, रीवा एवं मलाजखंड में छह-छह, दमोह में दो, खजुराहो एवं उज्जैन में एक-एक मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एसडी सत्रे ने बताया कि वर्तमान में एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम राजस्थान और उसके आसपास बना हुआ है। इससे हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात भी संबद्ध है। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए कमजोर पड़कर कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है।
एक अन्य गहरा कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिमी बिहार और उससे लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश पर मौजूद है। इसके साथ भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात संबद्ध हो, जो दक्षिण-पश्चिम की और झुका हुआ है।
मानसून द्रोणिका राजस्थान पर बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से ग्वालियर होते हुए बिहार और उससे लगे उत्तर प्रदेश पर बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से पुरुलिया, कोंटाई होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
इन मौसम प्रणालियों के असर से ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के शेष क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी आने से तापमान बढ़ने लगा है। वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद रहने के कारण तापमान बढ़ते ही दोपहर के बाद कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की भी संभावना बनी हुई है।
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मालवा-निमाड़ अंचल के आलीराजपुर-झाबुआ जिले में बुधवार को तेज बारिश हुई। आलीराजपुर के कट्ठीवाड़ा विकासखंड के आमखुट में बारिश ने कहर ढाया। गांववालों के अनुसार यहां 15 साल का रिकॉर्ड टूट गया। करीब पांच घंटे हुई तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। उर नदी में बाढ़ आ गई तथा यह पुलिया से करीब तीन फीट ऊपर तक बही। कई कच्चे मकान भी धराशायी हो गए।
उधर, चंद्रशेखर आजादनगर विकासखंड के ग्राम बरझर में बारिश के दौरान प्राथमिक शाला के पुराने भवन की दीवार ढह गई। इससे महिला को चोट आई है। कट्ठीवाड़ा विकासखंड में अब तक 1076 मिमी वर्षा हो चुकी है। यह जिले की सामान्य औसत बारिश 879 मिमी से करीब 200 मिमी ज्यादा है। उधर, अंचल के शेष जिलों में मौसम सामान्य रहा। कहीं-कहीं अवर्षण की स्थिति बनी हुई है।