
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: हवाओं के रुख में बदलाव के कारण इस बार मध्य प्रदेश में ठंड का मिजाज कुछ अलग नजर आ रहा है। कश्मीर से आ रही ठंडी हवाओं ने मालवा अंचल को खासा ठिठुरा दिया है। कई जिलों में शीतलहर का असर दर्ज किया गया, जबकि इंदौर में ठंड ने बीते 67 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

18 दिसंबर को इंदौर का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो अब तक का 10वां सबसे कम तापमान रहा। आमतौर पर मालवा, सीहोर, राजगढ़ और शाजापुर क्षेत्रों में पश्चिमी हवाएं प्रभावी रहती हैं, जिससे ठंड अपेक्षाकृत कम होती है। लेकिन इस बार राजस्थान के ऊपर बने प्रतिचक्रवात ने पश्चिमी हवाओं को कश्मीर से आने वाली उत्तरी हवाओं के साथ मिला दिया, जिससे ठंड में तेज बढ़ोतरी हुई।
यदि यही प्रतिचक्रवात गुजरात और मध्य प्रदेश के ऊपर स्थित रहता, तो हवाएं घूमकर आतीं और ठंड का असर कम रहता। इसके अलावा शुष्क हवाओं और साफ मौसम ने भी ठंड को और तीखा बना दिया। बीते 10 वर्षों (2015 से 2024) में इंदौर का न्यूनतम तापमान 6.6 से 11.6 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।
भोपाल के मौसम विज्ञानी डॉ. अरुण शर्मा के अनुसार, मालवा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को एक बार फिर तेज ठंड के लिए तैयार रहना होगा। जनवरी के पहले सप्ताह से तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री तक गिर सकता है। 30 और 31 दिसंबर से ठंड में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी। मावठा यानी वर्षा के आसार नहीं हैं, जिससे कोहरे की संभावना भी कम है। हालांकि उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में अगले चार से पांच दिनों तक हल्का से घना कोहरा छाया रह सकता है। मौसम विज्ञानी बीएस यादव ने बताया कि मौसम साफ रहने से ओस गिरेगी, जिसे खेती के लिए लाभकारी माना जाता है।

सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी डॉ. डीपी दुबे के अनुसार, फिलहाल कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं दिख रहा है। 27 दिसंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, लेकिन वह कमजोर रहेगा। ऐसे में वर्षा के आसार नहीं हैं और मौसम शुष्क बना रहेगा। सामान्य स्थिति में ठंड 15 फरवरी के आसपास विदा हो जाएगी। यदि ठंड समय पर चली गई, तो गर्मी का मौसम लंबा रहेगा और तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहेगा।
| महानगर | अधिकतम तापमान (°C) | तारीख | न्यूनतम तापमान (°C) | तारीख |
|---|---|---|---|---|
| इंदौर | 33 | 31 दिसंबर 2015 | 6.5 | 20 दिसंबर 2021 |
| भोपाल | 32.6 | 7 दिसंबर 2020 | 3.3 | 16 दिसंबर 2024 |
| ग्वालियर | 31.2 | 11 दिसंबर 2015 | 1.8 | 19 दिसंबर 2021 |
इंदौर में पिछले 18 दिनों से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। दिसंबर में इतने लंबे समय तक पारा नीचे रहने का यह पहला मामला है। वर्ष के अंत तक भी तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
भोपाल स्थित मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचएस पांडे के अनुसार, क्लाइमेट चेंज के कारण मालवा क्षेत्र में वर्षा के दिनों की संख्या घटी है और कम समय में अधिक वर्षा हो रही है। इसके साथ ही गर्मी के दिनों की संख्या बढ़ रही है, जिससे तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
ग्वालियर-चंबल अंचल में इस बार ठंड अपेक्षाकृत कम रही। स्थानीय मौसम वैज्ञानिक डॉ. हुकुम सिंह के अनुसार, दिसंबर में हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहे, जिससे बर्फबारी कम हुई और ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं कम प्रभावी रहीं। यहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंचा।
महाकोशल-विंध्य क्षेत्र में भी ठंड का असर सीमित रहा। अमरकंटक, कान्हा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, रीवा, सतना और सीधी में तापमान सामान्य से अधिक रहा, जबकि शहडोल में अपेक्षाकृत अधिक ठंड दर्ज की गई।
ट्रेनों पर मौसम की मार
मौसम की मार ट्रेनों पर ज्यादा देखने को मिल रही है। कोहरे के चलते करीब दर्जनों ट्रेनें 5 से 8 घंटे की देरी से चल रही हैं, इसमें पंजाब मेल 1 घंटा 10 मिनट, शताब्दी एक्सप्रेस 35 मिनट, यशवंतपुर कर्नाटक एक्सप्रेस 40 मिनट, झेलम एक्सप्रेस 4 घंटे 30 मिनट, सचखंड एक्सप्रेस 8 घंटे, मालवा एक्सप्रेस 20 मिनट और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 1 घंटे लेट है।