
डिजिटल डेस्क। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल परिणाम जारी कर दिया है। इस बार सफलता की कहानियां न केवल मेहनत, बल्कि संघर्ष और उम्मीदों की मिसाल बनकर उभरी हैं। पन्ना के अजीत मिश्रा ने टॉप किया है। किसान पिता और गृहिणी मां के बेटे अजीत वर्तमान में मैहर में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ हैं। टॉप 5 में सभी लड़कों ने जगह बनाई है, जबकि 13 बेटियों ने डीएसपी रैंक हासिल की है।
रतलाम जिले के ग्राम रावटी के सिद्धार्थ मेहता (लक्की) ने अपने छठे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया। पहले पांच प्रयासों में सफलता नहीं मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। परिणाम घोषित होते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। मिठाइयां बंटी, आतिशबाजी हुई और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। सिद्धार्थ ने बताया कि बड़े भाई श्रेयांस मेहता के प्रोत्साहन से उन्होंने यह सपना देखा था। उनके पिता गांव में किराना दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। सिद्धार्थ कहते हैं, “जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।”
नरसिंहपुर की शिवानी कौरव ने चौथे प्रयास में परीक्षा पास कर जनपद पंचायत सीईओ का पद हासिल किया। शिवानी ने बताया कि उन्होंने 2019 से तैयारी शुरू की थी। शुरुआती असफलताओं ने उन्हें हतोत्साहित नहीं किया। “कभी प्रीलीम्स नहीं निकला, तो कभी इंटरव्यू में रह गई, लेकिन हौसला नहीं छोड़ा,” उन्होंने कहा। शिवानी रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थीं। पिता किसान हैं और मां गृहिणी। सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता को दिया।
देवास जिले के सुमराखेड़ी गांव के पंकज परमार ने बिना कोचिंग के MPPSC पास कर डिप्टी कलेक्टर का पद पाया। वे तीन बार मेन्स और दो बार इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन चयन नहीं हुआ था। पंकज ने रोजाना 7–8 घंटे पढ़ाई की और आत्मविश्वास बनाए रखा। पिता समंदर सिंह परमार सरकारी स्कूल में प्राचार्य हैं, मां गृहिणी। पंकज ने भोपाल से बीटेक (कंप्यूटर साइंस) किया और कहा, “मेरी यह सफलता मेरे परिवार के अटूट सहयोग की देन है।”
सागर जिले के शाहगढ़ कस्बे की पूजा जैन कभी अपने पिता की किराना दुकान में मदद करती थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लगन के बल पर एमपीपीएससी पास कर डीएसपी बन गईं। पूजा की सफलता ने न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है।
सतना जिले के बिरसिंहपुर की प्रिया अग्रवाल ने एमपीपीएससी परीक्षा 2023 में छठवीं रैंक हासिल कर सबका ध्यान खींच लिया। उनके पिता विजय अग्रवाल गैवीनाथ शिव मंदिर के पास नारियल और प्रसाद की दुकान चलाते हैं। प्रिया कहती हैं, “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती यही विश्वास मुझे आगे बढ़ाता रहा।” उनकी यह उपलब्धि पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।
जबलपुर के मोहित शुक्ला का चयन नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के रूप में हुआ है। उनके बड़े भाई डॉ. अर्जुन शुक्ला सरकारी कॉलेज में कार्यरत हैं, जबकि भाभी उमा शुक्ला हाल ही में भारतीय रेल में नर्सिंग अधीक्षक के पद पर चयनित हुई हैं।
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एमपीपीएससी 2023 का यह परिणाम एक बार फिर साबित करता है कि सफलता न सुविधाओं की मोहताज है, न शहरों की। खेतों से लेकर दुकानों तक, छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक मेहनत करने वालों ने अपनी मंज़िल पा ली है। इन युवाओं की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को यह विश्वास दिलाती हैं कि सपने सच होते हैं, बस हौसला होना चाहिए।