भोपाल नगर निगम में कर्मचारियों से रिकॉर्ड छिपाने का आदेश, पारदर्शिता पर सवाल
नगर निगम प्रशासन ने अपने सभी कार्यालयों में कार्यरत सहायक ग्रेड-2, ग्रेड-3 और विनियमित कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विभागीय नस्तियां और अभिलेख किसी भी बाहरी व्यक्ति को न दें। आदेश में चेतावनी दी गई है कि ऐसा करते पाए जाने पर कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Publish Date: Wed, 26 Nov 2025 12:30:23 AM (IST)
Updated Date: Wed, 26 Nov 2025 12:30:23 AM (IST)
भोपाल नगर निगम का कर्मचारियों को सख्त निर्देश नईदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। नगर निगम प्रशासन ने अपने सभी कार्यालयों में कार्यरत सहायक ग्रेड-2, ग्रेड-3 और विनियमित कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विभागीय नस्तियां और अभिलेख किसी भी बाहरी व्यक्ति को न दें। आदेश में चेतावनी दी गई है कि ऐसा करते पाए जाने पर कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
21 नवंबर को निगम आयुक्त का आदेश
यह निर्देश 21 नवंबर को निगम आयुक्त के आदेश पर अपर आयुक्त द्वारा जारी किए गए हैं, जिन्हें सभी विभागाध्यक्षों, शाखा प्रभारियों और जोनल अधिकारियों को भेजा गया है। हालांकि इस आदेश को लेकर निगम प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। माना जा रहा है कि विभागीय अभिलेख बाहरी व्यक्तियों से छुपाने का उद्देश्य निगम के भीतर चल रहे कामकाज को गुप्त रखना है।
नए आदेश के बाद आशंका
कई मामलों में अभिलेखों के आधार पर हुए गोलमाल की जानकारी मीडिया में आती रही है, जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर दबाव बनता है। लेकिन नए आदेश के बाद आशंका जताई जा रही है कि अधिकारी अब मनमर्जी से काम करेंगे और गड़बड़ियों को आसानी से छुपाया जा सकेगा। यह देखकर कहना गलत नहीं होगा कि सरकारी योजनाओं और अभिलेखों को सार्वजनिक न करना पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। यदि सब कुछ सही हो, तो दस्तावेज छुपाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
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