
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों को लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट और विधानसभा में दी जानकारी में बड़ा अंतर पाया गया है। इसे लेकर विधानसभा सत्र में विपक्ष की ओर से सवाल किया गया, जिसका मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जवाब दिया।
बता दें कि एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रदेश में वर्ष 2023 में दुष्कर्म की 6857 घटनाएं हुईं, जबकि पांच अगस्त 2025 को विधानसभा में दी गई जानकारी में सरकार ने 8120 प्रकरणों का उल्लेख किया है। यानी विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी की तुलना में एनसीआरबी में दुष्कर्म की 1263 घटनाएं कम बताई गई हैं।
इस पर कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया है कि प्रारूप अलग-अलग होने के कारण यह अंतर आया है। दोनों जानकारियों के संकलन के समय में अंतर है। एनसीआरबी द्वारा संकलित जानकारी एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच की होती है।
वर्ष 2023 में एनसीआरबी द्वारा बताई गई दुष्कर्म की घटनाओं में 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के साथ दुष्कर्म की 2979, नाबालिगों से दुष्कर्म की 3849 और दुष्कर्म के साथ हत्या एवं सामूहिक दुष्कर्म के 29 मिलाकर 6857 प्रकरण दर्ज हुए। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि अपहरण के मामलों में पीड़िता की बरामदगी के बाद प्रकरण दुष्कर्म में बदल जाते, जिससे आंकड़ों में परिवर्तन संभव है।
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ग्रेवाल द्वारा मांगी गई जानकारी के उत्तर में दिए दस्तावेज में सामने आया है कि वर्ष 2024 में सामान्य वर्ग की महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में सजा की दर मात्र 1.99 प्रतिशत रही। इसी तरह से अनुसूचित जनजाति के प्रकरणों में 2.74, अनुसूचित जाति में 2.89 और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में तीन प्रतिशत रही।