
नईदुनिया प्रतिनिधि, हरदा: कृषि उपज मंडी में मक्का बेचने में किसानों को भाव कम होने से लेकर अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को सैकड़ों किसान मक्का उपज लेकर मंडी में पहुंचे। भाव शुरू होने पर मक्का का भाव महज एक हजार के आसपास मिला, जिससे किसान भड़क गए।
किसानों ने मंडी से लेकर कलेक्ट्रेट तक हंगामा कर दिया। अजनास के किसान कपिल विश्वकर्मा ने मक्का का भाव 1100 रुपये प्रति क्विंटल मिलने के बाद मंडी की मुख्य सड़क पर मक्का की ट्राली खाली कर विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन में दर्जनों किसान शामिल हो गए। किसानों का हंगामा बढ़ता देख मंडी प्रबंधन ने पुलिस बुला ली।
पुलिसकर्मियों ने किसानों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे उग्र होते गए। इसके बाद किसानों ने सड़क पर खाली मक्का में से कुछ बोरियां भरकर कंधे पर रखकर कलेक्ट्रेट कूच कर दिया। यहां भी दर्जनों किसान पहुंच गए, जिन्होंने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद धरने पर बैठ गए।
किसान विश्वकर्मा ने कहा कि पहले उनकी मक्का ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीदी। इसके बाद जब उन्होंने कम भाव मिलने का विरोध किया तो यही मक्का बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल से अधिक राशि कर दी गई। अन्य किसानों ने कहा कि सरकार ने मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल करने की बात कह रही है, लेकिन मंडी में व्यापारी सात सौ रुपये प्रति क्विंटल से भाव शुरू करते हैं। किसानों को अधिकतम भाव 15 सौ रुपये तक ही मिल रहे हैं, जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।
धरना दे रहे किसानों ने कहा कि मंडी प्रशासन और व्यापारियों की मिलीभगत से किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक मक्का का उचित भाव नहीं मिलेगा उनका विरोध जारी रहेगा।
इस संबंध में मंडी सचिव एचएन भिलाला ने कहा कि किसानों को अच्छे भाव दिलाने के लिए व्यापारियों को कहा गया है। जिस किसान ने सड़क पर मक्का खाली की है उसका सैंपल अधिकारियों को दिखाया है। उपज में फंगस अधिक होने से उसे कम दाम मिला है। मंडी सचिव भिलाला ने बताया कि मंडी में मक्का 11 सौ रुपये से लेकर 1652 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है।
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किसानों का यह पूरा विरोध करीब पांच घंटे तक चला। दोपहर करीब एक बजे से किसानों ने मंडी में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके बाद मंडी की मुख्य सड़क पर मक्का खाली कर आवागमन बंद कर दिया गया। यहां घंटों विरोध प्रदर्शन करने के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो किसान कलेक्ट्रेट की ओर चल दिए।
इसके बाद कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने किसानों से चर्चा की। किसानों ने अधिकारी को बताया कि मंडी में किसानों के साथ आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इस संबंध में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।