नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सुभाष नगर आरओबी जिसका निर्माण लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के 12 इंजीनियरों की निगरानी में 40 करोड़ की लागत से हुआ। वह आवाजाही के लिए खतरनाक है। ज्ञात हो कि डॉ. अंबेडकर ब्रिज को भी जनता के लिए तब खोला गया था, जब यातायात संकेत लगे। ऐशबाग 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज पर यातायात संकेत और नियम के पालन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। ऐसे में सुभाष नगर आरओबी पर यातायात संकेत का न होना ट्रैफिक पुलिस और लोनिवि के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है।
ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह यहां पर दो बड़े हादसे हुए। इसके बावजूद जिम्मेदार एजेंसियों के अधिकारियों की आंख पर चढ़ी पट्टी अब तक नहीं खुली। चूंकि इस ब्रिज पर कहीं भी यातायात संकेत नहीं लगे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में भी इस ब्रिज पर दुर्घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रभात की तरफ से आने वाले वाहन डिवाडर की वजह गलत साइड मुड़ते हैं। यहां एक रोटरी होनी चाहिए थी, लेकिन उधर डिवाइडर बना हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल एमपी नगर से ब्रिज पर जाने वाले ट्रैफिक का है, जो सिग्नल बंद पड़े होने की वजह से एक्सीडेंट की नौबत बन रही है।
एमपी नगर से ब्रिज की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए रोड पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे, लेकिन वह न सिर्फ बंद पड़े हुए हैं बल्कि उल्टे लटके हुए हैं। इसके चलते ब्रिज से उतरने वाले वाहन, जिंसी की तरफ से आने वाले वाहन और एमपी नगर से ब्रिज पर जाने वाले वाहन। तीनों तरफ वाहनों के टकराने की स्थिति बनी रहती है। सिग्नल के बंद होने की वजह से बहुत संभलकर निकलना पड़ता है।
वहीं इस आरओबी की तरफ प्रभात चौराहे से आने वाला ट्रैफिक तेजी से ब्रिज पर चढ़ता है। इधर वाहनों की गति को कम करने के लिए एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं है। यहीं से वाहन राग्न साइट के लिए भी मुड़ते हैं। इधर हद दम एक्सीडेंट की स्थिति बनती है। वहीं जो वाहन तेजी से ब्रिज पर चढ़ते हैं, वहां आगे चलकर एक घुमावदर मोड़ आता है, लेकिन उधर घुमावदार सड़क का संकेत नहीं लगा। साथ ही डिवाइडर शुरू होता है। जो तेज रफ्तार से आने वाले वाहन चालक को आसानी से नजर नहीं आता।
पटरी के ऊपर बने ब्रिज की लेन को जाली लगाकर दो हिस्सों में बांटा गया है। इसके अलावा एमपी नगर से ब्रिज पर चढ़ते वक्त डिवाइडर बना है, वह भी आधा। डिवाइडर के इस अधूरे छोड़े गए हिस्से पर ही वाहन टकराए थे। फिलहाल वहां एक बोर्ड लगा दिया गया है।
- रुकें (स्टॉप), रास्ता दें, प्रवेश वर्जित (नो एंट्री), हार्न बजाना मना है, गति सीमा (स्पीड लिमिट), पार्किंग वर्जित (नो पार्किंग)
- संकरा पुल, आगे स्कूल है, पैदल यात्री क्रासिंग, चौराहा, घुमावदार सड़क
- पेट्रोल पंप, अस्पताल, पार्किंग, बस स्टॉप। मार्गदर्शक संकेत और अस्थायी यातायात नियंत्रण संकेत।
- गति सीमा, लेन अनुशासन, स्टॉप साइन, गिव वे साइन।
- हेलमेट और सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है।
- गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए।
सुभाष नगर आरओबी पर यातायात संकेत लगा दिए गए हैं। जहां डिवाइडर पर गाड़ियां टकराई थी। उधर बोर्ड लगा दिया गया है। केपीएस राणा, ईएनसी, लोनिवि सुभाष नगर आरओबी पर यातायात संकेत लगाने के लिए पूर्व में कई बार एजेंसी को पत्र भेजे गए हैं।
- विक्रम रघुवंशी, एडिशनल डीसीपी
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