भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी में बन रहे वेदर सिस्टम के कारण मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने लगा हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सबसे कम न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विषेषज्ञों के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास सक्रिय है। बुधवार को अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। बंगाल की खाड़ी में भी एक वेदर सिस्टम बन रहा है। इस वजह से मंगलवार से ही मप्र के वातावरण में हवाओं के साथ नमी बढ़ने लगी है। इसके चलने बुधवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इस दौरान राजधानी में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 25.9 डिग्रीसे. दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। साथ ही यह सोमवार के अधिकतम तापमान (25.9 डिग्री सेल्सियस) के मुकाबले एक डिग्रीसे.की तुलना में एक डिग्रीसे. कम रहा। न्यूनतम तापमान में भी मामूली गिरावट दर्ज की गई।

मौसम विज्ञान विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर में अमीनी द्वीप से लेक महाराष्ट्र के तट तक एक ट्रफ लाइन बना हुआ है। बुधवार को अरब सागर में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके दो-तीन दिसंबर को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इन तीन वेदर सिस्टम के असर से राजधानी सहित प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहींं तेज हवाएं चलने के बाद गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इस दौरान राजस्थान, गुजरात से लगे जिलों में कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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