नईदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे से हो रहे दाखिलों में बड़ा घोटाला सामने आया है। एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्रबंधन और शासन के गठजोड़ से एमबीबीएस, बीडीएस और पीजी कोर्सों (एमडी, एमएस, एमडीएस) की एनआरआई सीटों पर करोड़ों रुपये की वसूली की जा रही है।
नियमों के अनुसार, एनआरआई सीटों पर केवल उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलना चाहिए, जिनके अभिभावक विदेश में रहते हैं या जिनका वैध एनआरआई स्टेटस है। लेकिन एनएसयूआई का कहना है कि निजी कॉलेज फर्जी दस्तावेजों और मोटी रकम लेकर सामान्य छात्रों को भी एनआरआई कोटे से दाखिला दे रहे हैं।
800 करोड़ रुपये की अवैध कमाई
इस प्रक्रिया से हर साल करीब 800 करोड़ रुपये की अवैध कमाई होती है। आरोप है कि इससे मेधावी और पात्र छात्र अपने हक से वंचित हो जाते हैं, जबकि पैसा देने वाले आसानी से दाखिला पा जाते हैं।
एसटीएफ से जांच
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि यह घोटाला प्रदेश में मेडिकल शिक्षा की साख पर सवाल खड़े करता है। वरिष्ठ नेता रवि परमार ने कहा कि मेधावी छात्रों का भविष्य इस भ्रष्टाचार से बर्बाद हो रहा है। संगठन के अक्षय तोमर ने मांग की कि पूरे मामले की जांच एसटीएफ से कराई जाए और इसकी निगरानी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करें।