धनंजय प्रताप सिंह, नईदुनिया, भोपाल। चुनाव में पारदर्शिता और निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवालों के बीच बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। चुनाव की तैयारी को लेकर अन्य राज्यों में भी राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। मध्य प्रदेश इससे अछूता नहीं है। यहां भी भाजपा और कांग्रेस ने उन चेहरों की बिहार चुनाव में तैनाती पर चिंतन शुरू कर दिया है, जो प्रचार व प्रबंधन की कमान संभालेंगे। इसमें विशेष रूप से ओबीसी नेताओं पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
भाजपा मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य नेताओं को सूची में जोड़ रही है। वहीं कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव व उनके भाई पूर्व मंत्री सचिन यादव के अलावा राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह (यादव), पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण पटेल व दिनेश गुर्जर को आगे करने की रणनीति पर काम कर रही है। दरअसल, डा. मोहन यादव को मध्य प्रदेश की कमान सौंपते समय राजनीतिक गलियारे में यह उम्मीद भी की गई थी कि वह उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति में स्थानीय यादव परिवार के दबदबे को सीधी चुनौती देंगे।
इन उम्मीदों पर डा. मोहन यादव काफी हद तक खरे उतरे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार किया। अच्छे परिणाम में बड़ा योगदान किया। डा. मोहन यादव श्रीराम मंदिर को लेकर कांग्रेस को घेरते तो हैं ही, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर यादवों के नाम पर राजनीति करने वालों को सीधे निशाने पर रखते हैं। उनकी अलग शैली उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के लिए चुनौती बनी तो अब बिहार में लालू यादव के परिवार की राह मुश्किल कर सकती है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान भी बिहार में खासे चर्चित हैं।
उन्होंने मखाने की खेती को प्राथमिकता देते हुए इसके किसानों के लिए बेहतरीन प्रयास कर अलग पहचान बना ली है। शिवराज सिंह चौहान की किसान और गरीबों के लिए संवेदनशील छवि की अलग पहचान है, जिससे बिहार में भाजपा लाभ उठा सकती है। ओबीसी ध्रुवीकरण का लाभ उठाने की कोशिश में कांग्रेस बिहार की राजनीति ओबीसी के इर्द-गिर्द केंद्रित होने से कांग्रेस भी इसी मोर्चे को मजबूत कर रही है।
जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत है, उनमें मध्य प्रदेश भी है। ऐसे में यहां के बड़े ओबीसी नेताओं को बिहार भेजा जा रहा है। सूची में सबसे ऊपर अरुण यादव कांग्रेस की ओबीसी काउंसिल के सदस्य भी हैं। अशोक सिंह, सचिन यादव, कमलेश्वर पटेल, सत्यनारायण पटेल, दिनेश गुर्जर जैसे नामों में से कुछ को वोट अधिकार यात्रा का जिला समन्वयक बनाकर तैनात भी किया गया है।