
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। चाइल्ड पोर्नोग्राफी, महिलाओं के साथ साइबर यौन अपराध के मामलों में पिछले 27 दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 50 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 40 आरोपितों की गिरफ्तारी भी की गई है। जनवरी 2024 से अब तक मिली 833 शिकायतों पर 'ऑपरेशन नयन' नाम से विशेष अभियान चलाकर जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। राज्य साइबर मुख्यालय ने नौ अक्टूबर से छह नवंबर के बीच अभियान चलाया। दावा है कि ऐसे अपराधों के विरुद्ध अभियान चलाने वाला एमपी पहला राज्य है।
अभियान में इस तरह के अपराधों में सबसे बड़ा हॉटस्पाट इंदौर चिह्नित किया गया। प्रदेश में कुल 833 शिकायतों में से 500 से अधिक अकेले इंदौर से दर्ज हैं। पुलिस ने साइबर यौन अपराधों में उपयोग की गई वेबसाइट, ई-मेल की भी पहचान की है। आरोपितों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेनड्राइव व अन्य सामग्री जब्त कर पड़ताल की जा रही है। एसपी साइबर प्रणय नागवंशी ने बताया कि अभियान के दौरान 25 फर्जी एवं अश्लील वेबसाइट, 65 इंटरनेट मीडिया यूआरएल यानी जिस लिंक का उपयोग अपराध में किया गया, 45 ई-मेल आइडी, 60 मोबाइल नंबरों को चिह्नित कर ब्लॉक करा दिया गाया है।
जनवरी 2024 से अब तक मिली शिकायतों के आधार पर साइबर पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के 10 जिलों को हाट स्पाट के रूप में चिह्नित किया है। इनमें इंदौर, भोपाल, रीवा, सतना, सागर, ग्वालियर, विदिशा, खरगौन, मुरैना और जबलपुर शामिल हैं। यहां पुलिस को विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है। साथ ही आम लोगों को भी जागरूक किया जाएगा, जिससे वे सतर्क रहें और पुलिस या हेल्पलाइन नंबर में तत्काल सूचना दें।
महिलाओं-बच्चों के विरुद्ध साइबर सेक्सुअल अपराध करने वालों को पकड़ने के लिए साइबर मुख्यालय ने रणनीति के साथ काम किया। लगभग एक माह पहले मुख्यालय में 'नयन' नाम से सेल बनाई गई। इस सेल ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) से प्राप्त शिकायतों की जांच की। अपराध में उपयोग की गई वेबसाइट, ई-मेल, मोबाइल आदि की पहचान के बाद एफआइआर दर्ज की।
इसके बाद ऑपरेशन नयन चलाया गया। ऑपरेशन एडीजी साइबर ए साई मनोहर के नेतृत्व में चला। प्रदेश के सभी जिलों में अभियान के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए, जिनसे समन्वय का काम एसपी प्रणय नागवंशी और डीएसपी जयेंद्र सिंह गौतम ने किया। पूरी कार्रवाई गोपनीय तरीके से की गई, जिससे आरोपित भागने न पाएं। नयन कंट्रोल रूम से पीड़ितों को समझाइश भी दी गई।
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अश्लील फोटो, वीडियो बनाना, रखना, शेयर करना या डाउनलोड करना।
किसी महिला या लड़की की फर्जी आइडी बनाकर उस पर अश्लील सामग्री डालना या उसकी छवि खराब करना।
ऑनलाइन अश्लील काम करने के लिए मजबूर करना।
इंटरनेट मीडिया, चैट या ईमेल से अश्लील संदेश, फोटो, वीडियो, या यौन टिप्पणी भेजना।
वीडियो काल पर अश्लील सामग्री दिखाना व भेजने के लिए मजबूर करना।
यौन शोषण, देह व्यापार आदि के लिए वेबसाइट या कोई और प्लेटफॉर्म बनाना।
किसी का फोटो लेकर एआइ या अन्य माध्यम से अश्लील रूप देना।
फर्जी इंटरनेट मीडिया अकाउंट बनाकर सेक्सुअल संदेश भेजना या बदनाम करना और ब्लैकमेल करना
सोशल मीडिया या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संदिग्ध, अवैध व अश्लील सामग्री मिलने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, www.cybercrime.gov.in और एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 112 पर शिकायत की जा सकती है।