
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राज्य के गठन के 69 वर्ष बाद मध्य प्रदेश अपनी राजकीय तितली घोषित करने जा रहा है। आरेंज आकलीफ तितली राज्य तितली होगी। इसका प्रस्ताव वन मुख्यालय ने राज्य शासन को भेजा है। आरेंज आकलीफ तितली को हिंदी में मृत पत्ती भी कहा जाता है। इस तितली की सबसे बड़ी खासियत उसका अविश्वसनीय छलावरण है। जब वह अपने पंख बंद कर लेती है, तो सूखी पत्ती की तरह दिखती है, जिससे वह शिकारियों से छिप जाती है। इसके विपरीत, जब पंख खुलते हैं, तो इसके पंखों पर काले, नारंगी और गहरे नीले रंग का खूबसूरत मिश्रण दिखाई देता है।
प्रस्ताव मिलने के बाद वन विभाग ने वन मुख्यालय से पूछा कि आखिर आरेंज आकलीफ को ही राजकीय तितली क्यों घोषित किया जाए। इसकी क्या खासियत है, इस पर वन मुख्यालय ने विभाग को इस तितली की खासियत भी बताई है। एमपी का राजकीय वृक्ष बरगद है तो वहीं राजकीय पशु बारहसिंघा है और राजकीय पुष्प लिली है। राजकीय पक्षी दूधराज है। राज्यों ने अलग-अलग तितलियों को राजकीय तितली घोषित किया हुआ है, महाराष्ट्र की ब्लू मार्मन राजकीय तितली है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के गोपालपुर में तितली पार्क है। राष्ट्रीय उद्यान वन विभाग में भी एक तितली गार्डन तैयार किया गया है जो रंग बिरंगी तितलियों की खूबियों से पर्यटकों को रूबरू कराता है।
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भारत की कोई आधिकारिक राष्ट्रीय तितली नहीं है। हालांकि 2020 में देश के तितली विशेषज्ञों के समूहों ने जंगलों, बागों व अन्य स्थानों पर तितली पर आधारित सर्वे किया, जिससे वे राष्ट्रीय तितली का चयन कर सकें। इस सर्वेक्षण में राष्ट्रीय तितली के चयन के लिए कई प्रजातियों के बीच मतदान किया गया था। तब भारत में पाई जाने वाली 1,500 प्रकार की तितलियों में से सात प्रजातियों को राष्ट्रीय तितली बनने की रेस में शामिल किया गया, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। विभिन्न राज्यों ने जरूर अपनी राजकीय तितलियां घोषित की हैं।
एमपी वन मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुभरंजन सेन ने कहा कि एमपी की राजकीय तितली अभी नहीं है। हमने आरेंज आकलीफ तितली को राजकीय तितली घोषित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। इस तितली की सबसे बड़ी खासियत उसका अविश्वसनीय छलावरण है।