
नवदुनिया प्रतिनिधि भोपाल। रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। अब कुछ चुनिंदा ट्रेनों में टिकट तभी मिलेगा, जब यात्री के मोबाइल नंबर पर भेजा गया ओटीपी सही समय पर डाला जाएगा। यह सिस्टम शताब्दी एक्सप्रेस में पहले से लागू है और अब बुधवार से वंदे भारत एक्सप्रेस में भी शुरू कर दिया गया है।
रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत (20171)
रानी कमलापति-रीवा-रानी कमलापति वंदे भारत (20173/74)
ओटीपी सिर्फ असली यात्री के मोबाइल पर आएगा, इसलिए फर्जी बुकिंग और टिकट ब्लॉक करने वाले एजेंटों की चालें अब मुश्किल होंगी। जब ब्लॉकिंग कम होगी, तो असली यात्रियों के लिए टिकट उपलब्धता बढ़ेगी। ओटीपी वेरिफिकेशन से बुकिंग असली पहचान के साथ होगी, जिससे सिक्योरिटी अधिक मजबूत होगी। टिकट कैंसल, रिफंड और पहचान से जुड़ी समस्याएं काफी कम होंगी। रेलवे को भी रिकॉर्ड और ट्रैकिंग में सहूलियत होगी, जिससे सेवाएं और बेहतर होंगी।
यह नई ओटीपी आधारित तत्काल टिकट प्रणाली में टिकट तभी मिलेगा, जब आपके मोबाइल पर आया ओटीपी सही समय पर डाला जाए। इसलिए टिकट बुक करने से पहले ध्यान रखें कि आपका मोबाइल नंबर चालू हो और नेटवर्क अच्छा मिल रहा हो। अगर नंबर बदला या पोर्ट कराया है तो उसे पहले आईआरसीटीसी में अपडेट कर लें। मोबाइल में डेटा या बैलेंस जरूर चेक कर लें, ताकि ओटीपी समय पर आए। ओटीपी की एक समय सीमा होती है, इसलिए आते ही तुरंत डालें, वरना टिकट बुकिंग रुक सकती है।
आईआरसीटीसी वेबसाइट, ऐप या रिजर्वेशन काउंटर से किसी भी माध्यम से तत्काल टिकट लेने पर ओटीपी वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इससे फर्जी टिकट बुकिंग पर रोक लगेगी और टिकट बुकिंग प्रक्रिया ज्यादा सुरक्षित होगी। सौरभ कटारिया, सीनियर डीसीएम।