नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सरकारी स्कूलों से शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए अनिवार्य किया था। पहले दिन ही यह व्यवस्था शिक्षकों ने फेल कर दी। प्रदेश के 3.50 लाख शिक्षकों में से करीब 10 हजार ने ऑनलाइन हाजिरी लगाई यानी सिर्फ तीन प्रतिशत शिक्षकों ने एप से उपस्थिति दर्ज की। वहीं जाने की ऑनलाइन हाजिरी करीब दो हजार शिक्षकों ने ही लगाई।
शिक्षकों को उपस्थिति सेल्फी के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करनी थी। इसके लिए विभाग ने नई तकनीक हमारे शिक्षक प्रणाली तैयार किया था। वहीं हमारे शिक्षक एप सिर्फ 88 हजार शिक्षकों ने अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया है। शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपने मोबाइल से इस प्रणाली पर सेल्फी लेकर अपलोड करना था। इसका ट्रायल 23 जून से 30 जून तक किया गया।
बता दें कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी इस बात को कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कुछ जिलों में शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग पढ़ाने जाते हैं। वहीं कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 2017, 2020 और 2022 में ऑनलाइन उपस्थिति शिक्षा मित्र एप के जरिए शुरू की गई थी, लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया। कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना बनाकर ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाई।