माता-पिता दफ्तर चले जाते, बच्चा इधर-उधर से पैसे मांगकर करता था मौज, चाइल्डलाइन ने किया रेस्क्यू
भोपाल के बागसेवनिया क्षेत्र का मामला। चाइल्डलाइन ने बच्चे की काउंसलिंग कर अभिभावक को सौंपा।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Wed, 08 Dec 2021 09:56:57 AM (IST)
Updated Date: Wed, 08 Dec 2021 09:56:57 AM (IST)

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। बागसेवनिया क्षेत्र में एक कामकाजी माता-पिता का 13 साल का बेटा घर से निकल जाता था। वह न तो स्कूल जाता था और न घर में पढ़ाई करता था, बल्कि घर से बाहर निकलकर भीख मांगने लगता था। करीब तीन माह से बच्चा यही हरकत कर रहा था। एक व्यक्ति ने चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर फोन कर इसकी सूचना दी। चाइल्ड लाइन के पास पहुंचे इस मामले ने सभी को चौंका दिया। मामले में 13 वर्षीय बच्चा भीख मांगने की आदत का शिकार हो चुका है।
मामला बागसेवनिया थाना क्षेत्र के उच्च मध्यम वर्गीय परिवार का है। मामले में बच्चे के साथ-साथ अभिभावकों की काउंसलिंग कर बच्चे के व्यवहार में बदलाव के लिए उन्हें मार्गदर्शित किया गया। साथ ही मामले में चाइल्ड लाइन लगातार बच्चे का फालोअप कर रही है, ताकि बच्चे की इस आदत को बदला जा सके। दरअसल, चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 पर एक व्यक्ति ने 13 वर्षीय बच्चे की जानकारी दी। उसने बताया कि बच्चा लगभग रोज भीख मांगता नजर आता है। बच्चे के व्यवहार और उसकी बोल-चाल से व्यक्ति को संदेह हुआ कि वह किसी अच्छे परिवार से जुड़ा है। यही नहीं, व्यक्ति ने जब गौर किया तो देखा कि बच्चा भीख के पैसों का इस्तेमाल गेमिंग, शापिंग और सिगरेट आदि खरीदने में कर रहा था। इसके बाद व्यक्ति ने चाइल्ड लाइन को बच्चे की जानकारी दी।
इस मामले में टीम ने बच्चे को रेस्क्यू किया तो बच्चा झूठी कहानी बताता रहा। हालांकि, जब लगातार काउंसलिंग के बाद बच्चे ने माता-पिता के बारे में जानकारी दी तो अभिभावकों को बुलाया गया। मामले में जब अभिभावकों को बच्चे की आदत की जानकारी लगी तो वह हैरत में पड़ गए। उन्हें इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि बच्चा उनके नौकरी पर जाने के बाद घर से निकल जाता है। साथ ही कभी उन्होंने इस बात पर गौर नहीं किया कि बच्चे के पास कौन सी नई चीजें हैं, जो उन्होंने कभी भी खरीद कर नहीं दीं। बच्चे की काउंसलिंग कर परिवार को सौंप दिया गया है।
अभिभावकों ने मानी गलती
मामले में काउंसलिंग के दौरान चाइल्ड लाइन की टीम ने अभिभावकों को समझाइश दी कि बच्चे से संवाद बनाए रखें। उनकी जासूसी न करें, लेकिन उसके व्यवहार पर नजर जरूर रखें। अभिभावकों ने माना कि उनसे चूक हुई है और आगे वे बच्चे का पूरी तरह ध्यान रखेंगे। वहीं एक अन्य मामले में राजगढ़ क्षेत्र से आए 15 वर्षीय किशोर को बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसके परिवार को सौंपा गया। बालक मिसरोद थाने के माध्यम से चाइल्ड लाइन के पास पहुंचा था। काउंसलिंग में बच्चे ने बताया कि पिता की डांट की वजह से वह घर से निकल कर भोपाल आ गया था।
बच्चे और माता-पिता की काउंसलिंग की गई। इसके बाद उसे अभिभावकों के साथ घर भेज दिया गया।
- राशि आसवानी, समन्वयक, चाइल्ड लाइन, भोपाल