अंजली राय, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के स्कूलों में नौवीं कक्षा के 48 प्रतिशत विद्यार्थी भाषा की किताब में लिखा हुआ पढ़ और समझ नहीं सकते। गणित और विज्ञान विषय में भी स्थिति बेहद खराब है। 73 प्रतिशत बच्चों को प्रतिशत निकालना नहीं आता। वहीं, 69 प्रतिशत बच्चे अनुपात और दशमलव वाले सवाल हल नहीं कर पाते। 70 प्रतिशत को पहाड़ा नहीं आता।
स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के दावों के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की 'परख' रिपोर्ट में इस चिंताजनक हालत का उल्लेख हुआ है। इस रिपोर्ट के लिए मंत्रालय ने प्रदेश के 5,739 स्कूलों के तीसरी, छठवीं और नौवीं कक्षा के एक लाख 38 हजार विद्यार्थियों के बीच सर्वेक्षण किया था।
सामान्य प्रश्न में भी फंसे विद्यार्थी
नौवीं कक्षा के लिए भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से जुड़े सामान्य प्रश्न पूछे गए थे। सामने आया कि गणित में 62 प्रतिशत को बीजगणित और पहेली से जुड़े प्रश्न हल करने में कठिनाई है। 61 प्रतिशत को क्षेत्रफल, आयत, त्रिकोण से जुड़े सवाल हल करने में परेशानी है।
नौवीं की विज्ञान में भी प्रदेश में सीखने-सिखाने का स्तर बेहद खराब है। 66 प्रतिशत विद्यार्थी पदार्थ और उसके गुणों के बारे में नहीं जानते। सामाजिक विज्ञान में भी लगभग यही स्थिति है। 60 प्रतिशत विद्यार्थियों को इतिहास में हुए महत्वपूर्ण बदलाव और उसके सामाजिक असर के बारे में कुछ नहीं पता। 71 प्रतिशत को प्राकृतिक घटनाओं का कारण नहीं पता। 58 प्रतिशत को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है।
नौवीं में देश भर के टॉप-50 जिलों में सीधी शामिल
नौवीं कक्षा में देश भर में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले 50 जिलों में मध्यप्रदेश का सीधी जिला शामिल है। उसे 24वें स्थान पर रखा गया है। वहीं सबसे खराब 50 जिलों में झाबुआ 50वें और आलीराजपुर 46वें स्थान पर हैं।
छठवीं में टॉप-50 जिलों में प्रदेश के पांच जिले शामिल
देश भर में मध्यप्रदेश का सीधी जिला छठवीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 50 जिलों में पांचवें स्थान पर है। इसके बाद उज्जैन 26वें, दमोह 27वें, टीकमगढ़ 39वें और पन्ना 49वें स्थान पर है। वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले टॉप-50 जिलों में खरगोन जिला शामिल है।
तीसरी कक्षा में टॉप-50 में प्रदेश के सात जिले शामिल
देश भर में तीसरी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप-50 जिलों में मध्यप्रदेश के सात जिले शामिल हैं। इसमें सीधी सातवें स्थान पर है। इसके बाद दमोह 18वें स्थान पर, शाजापुर 19वें, उज्जैन 21वें, छतरपुर 33वें, पन्ना 39वें और टीकमगढ़ 47वें स्थान पर है। वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले टॉप-50 जिलों में खरगोन शामिल है।
लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने कहा कि 'परख' की रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है। जहां कमियां हैं, उन्हें ब्रिज कोर्स के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाएगा।'