
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: राजधानी के कोहेफिजा स्थित पॉश कॉलोनी सूरज नगर में एडवोकेट अखिलेश श्रीवास्तव के घर हुई सनसनीखेज चोरी ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शातिर बदमाशों ने न केवल सुरक्षा घेरे को तोड़ा, बल्कि बेहद पेशेवर अंदाज में 18 लाख रुपये की नकदी और कीमती जेवरात पर हाथ साफ कर दिया।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोमवार रात एक आरोपी को हिरासत में लिया है। चोरी में बाहरी गिरोह का हाथ सामने आ रहा है। जिसने स्थानीय एक बदमाश के साथ मिलकर वारदात की।
यह चोरी महज एक संयोग नहीं, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित साजिश थी। बदमाशों ने वारदात से पहले घर की सुरक्षा व्यवस्था और वहां मौजूद पालतू कुत्तों की गतिविधियों की बारीकी से रेकी की थी। रात करीब डेढ़ से साढ़े तीन बजे के बीच हथियारों से लैस बदमाश घर में घुसे। उन्होंने सबसे पहले पालतू कुत्तों को मांस खिलाकर शांत किया ताकि वे भौंक न सकें। इसके बाद गेट तोड़कर घर के अंदर प्रवेश किया और आराम से अलमारियों में रखे नकदी और जेवरात समेट लिए।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने खुद जांच की कमान संभाली। जांच के लिए दो विशेष टीमें गठित की गईं। तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने सोमवार रात छोला मंदिर, भानपुर और करोंद क्षेत्रों में सघन छापेमारी की। इस दौरान वारदात में शामिल एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है, जिससे अज्ञात ठिकाने पर पूछताछ की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों और चोरी गए माल की बरामदगी कर ली जाएगी।
तकनीकी साक्ष्य: घटनास्थल से फिंगरप्रिंट और फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाए गए हैं।
सीसीटीवी मैपिंग: एयरपोर्ट रोड और मुख्य चौराहों के कैमरों से बदमाशों के मूवमेंट की जांच।
सक्रिय गिरोह: जेल से हाल ही में छूटे हथियारबंद लुटेरों की कुंडली खंगाली जा रही है।
अलर्ट: चोरी का सोना खपाने की आशंका में सराफा बाजार और ज्वेलर्स पर निगरानी बढ़ाई गई है।
समन्वय: गिरोह की पहचान के लिए पड़ोसी जिलों की पुलिस से जानकारी साझा की गई है।
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यह किसी पेशेवर बाहरी गिरोह का काम है। सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध लोडिंग वाहन नजर आया है, जिसका उपयोग चोरी का सामान ले जाने में किया गया। पुलिस मोबाइल टावर डंप, फास्टैग डेटा और सीसीटीवी कैमरों के जरिए बदमाशों के भागने के रूट को ट्रैक करने में जुटी है। इसके साथ ही घर में काम करने वाले पुराने और वर्तमान कर्मचारियों, ड्राइवरों और गार्डों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि रेकी करने वालों का सुराग मिल सके।