राज्य ब्यूरो, भोपाल। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के चयन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रविवार को दिल्ली में आयोजित जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण वर्ग में उन्होंने कहा कि संगठन सृजन अभियान के दौरान प्रदेश में गड़बड़ियों की बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं। राहुल ने चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति अन्य राज्यों में न हो, इसके लिए सतर्क रहना जरूरी है।
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी चयन प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाया। राहुल ने साफ कहा कि अब यह साबित करना होगा कि जिन लोगों का चयन हुआ है, वे सही साबित होते हैं या नहीं। यह संदेश जिलाध्यक्षों के साथ-साथ उन पर्यवेक्षकों को भी दिया गया, जिन जिलों में चयन विवादित रहा है।
राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश और हरियाणा के नए जिलाध्यक्षों को संबोधित किया। इससे पहले गुजरात के जिलाध्यक्षों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हो चुका है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस ने शहर और ग्रामीण मिलाकर कुल 71 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इनमें लगभग 30 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिनका चयन पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट से नहीं, बल्कि बड़े नेताओं की पसंद से किया गया है। इनमें से कई पुनः जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं।
पक्षपात का आरोप
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद भोपाल, इंदौर, बुरहानपुर और देवास सहित कई जिलों में चयन पर पक्षपात के आरोप लगाकर कार्यकर्ताओं और दावेदारों ने विरोध प्रदर्शन किया। इंदौर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष बनाए गए विपिन वानखेड़े की नियुक्ति के विरोध में रविवार को प्रशिक्षण के दौरान ही असंतुष्टों ने बाहर धरना दिया। कांग्रेस संगठन ने विरोध करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है, लेकिन अब तक किसी पर भी औपचारिक कार्रवाई नहीं हुई है।