नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की बढ़ती गतिविधियां यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बन चुकी हैं। बिना अनुमति और लाइसेंस के वेंडर प्लेटफार्म पर खुलेआम खाद्य सामग्री बेचते नजर आते हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा प्रभावित हो रही है, बल्कि उनकी सेहत पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। रेलवे प्रशासन की समय-समय पर की जाने वाली जांच और कार्रवाई भी इन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। स्टेशन पर सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि बिना लाइसेंस वाले वेंडर प्लेटफार्म पर गंदगी फैलाते हैं और घटिया क्वालिटी का सामान ऊंचे दामों पर बेचते हैं। कई बार खाने-पीने की चीजें खुले में रखी जाती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
स्टेशन परिसर में बिक रहे खाद्य पदार्थ न तो फूड सेफ्टी मानकों पर खरे उतरते हैं और न ही स्वच्छता का पालन किया जाता है। गंदे बर्तनों में परोसा गया खाना, बिना ढके हुए खाद्य पदार्थ और संदिग्ध क्वालिटी की सामग्री यात्रियों की सेहत के लिए खतरा साबित हो रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में फूड प्वाइजनिंग और संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।
सिर्फ अवैध वेंडर ही नहीं, बल्कि कई अधिकृत वेंडर भी नियमों की अनदेखी करते देखे जाते हैं। इनमें पैकेजिंग, दर सूची प्रदर्शित करने और समय-समय पर भोजन बदलने जैसी शर्तों का पालन नहीं होता। यात्रियों को बिना जांचे-परखे भोजन परोसना आम हो गया है।
रेलवे प्रशासन और आरपीएफ समय-समय पर छापामार कार्रवाई करते हैं, लेकिन ये अभियान महज औपचारिकता तक ही सीमित रहते हैं। अवैध वेंडरों को पकड़ने के बाद अक्सर छोड़ दिया जाता है और कुछ ही दिनों में वे दोबारा सक्रिय हो जाते हैं। यही कारण है कि समस्या स्थायी रूप से खत्म नहीं हो पा रही है।
इसे भी पढ़ें... एक तरफ झुक गया झूला... MP के खंडेरा मंदिर में बड़ा हादसा टला, लोगों में मची चीख-पुकार