नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। छिंदवाड़ा में कफ सिरप (Cough Syrup Tragedy) पीने से बच्चों की मौत के बाद अब प्रशासन हरकत में आ गया है। भोपाल में मंगलवार को फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की टीम ने दवा बाजार में अचानक छापेमारी की। टीम ने उन दो कफ सिरप रेस्पिफ्रेस डी और एएनएफ कफ सिरप को तलाशा जिन पर सरकार ने हाल ही में प्रतिबंध लगाया है।
अधिकारियों ने दवा दुकानों पर पहुंचकर सिरप की बोतलें जब्त कीं और जांच के लिए सैंपल लिए। टीम ने 10 बोतलों को सील कर सैंपल के रूप में लिया और बाकी 80 बोतलें जब्त कर लीं। बताया गया कि इन सिरप में खतरनाक रसायन डायएथिलीन ग्लाइकाल की अधिक मात्रा पाई गई थी, जो बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है।
मध्य प्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि 19 दवाओं के सैंपल में से तीन कफ सिरप गुणवत्ता मानकों पर फेल हुए हैं। इनमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप (तमिलनाडु में निर्मित), री-लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर (गुजरात की कंपनियों में निर्मित) शामिल हैं। भोपाल में इन सिरप की सप्लाई कम से कम पांच मेडिकल एजेंसियों के माध्यम से हुई थी। इनमें राहुल फार्मा, गुरुदेव ट्रेडर्स, प्रसिधि फार्मा, राजेन्द्र मेडिकल एजेंसी और राज मेडिकल एजेंसी के नाम सामने आए हैं। मंगलवार को टीम ने इन दुकानों का निरीक्षण किया और तीन दुकानों से सैंपल लिए। दो दुकानों ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्होंने सिरप का पूरा बैच कंपनी को लौटा दिया।
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भोपाल के केमिस्ट एसोसिएशन ने भी जिम्मेदारी दिखाते हुए सभी मेडिकल स्टोर्स को सर्कुलर जारी किया है। संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ ने कहा कि बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन कोई भी दवा नहीं दी जाए। उन्होंने बताया कि एफडीए टीम के निरीक्षण में एसोसिएशन पूरी तरह सहयोग कर रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाजार की लगातार निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी प्रतिबंधित या संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री न हो सके। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए राज्यभर में इस तरह की जांच आगे भी जारी रहेगी।