नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को आरोपित मोहम्मद फरहान उर्फ चूजू को बीस वर्ष के कारावास और चार हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला एवं ज्योति कुजूर ने पैरवी की। बता दें कि आठ जून 2019 को नाबालिग ने चाइल्ड हेल्प केयर टेकर के साथ पुलिस थाना गांधी नगर में एफआइआर दर्ज कराई। उसने बताया कि वह अपनी महिला रिश्तेदार के घर में रहती है।
उनकी कोई संतान न होने के कारण नाबालिग के स्वजनों ने उसे महिला के पास पालन पोषण के लिए दे दिया था। वह महिला और उसके पति को मां और पिता कहती थी। महिला जब काम पर जाती तो आरोपित नाबालिग के साथ गलत हरकत करता था और उसके साथ गलत काम करता था। उसे गंदी-गंदी वीडियो भी दिखाता था। मना करने पर नाबालिग के साथ मारपीट करता था। घटना के समय नाबालिग की 10 वर्ष थी, नाबालिग ने उक्त घटना के संबंध मे अपनी एक वृद्धा को बताया जिसके बाद चाइल्ड हेल्प केयर टेकर के साथ पुलिस थाना गांधी नगर में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
प्रकरण के अंतिम तर्क के दौरान नाबालिग ने न्यायालय को बताया कि वह एसओएस में रहती है और दसवीं की पढाई कर रही है और उसकी असली मां की मृत्यु हो चुकी है। नाबालिग कहा कि वह डॉक्टर बनाना चाहती है। बच्ची की बातों को सुनकर न्यायालय ने नाबालिग की आगे की पढ़ाई और भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए पीड़िता को तीन लाख रूपये प्रतिकर की राशि प्रदान की जाने का आदेश पारित किया।
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