
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के सात लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के लिए सप्ताह में पांच दिन ही कार्य दिवस रहेंगे। कोरोना महामारी के दौरान लागू इस व्यवस्था में परिवर्तन की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं लेकिन फिलहाल इसे यथावत रखने का निर्णय किया गया है। केंद्रीय कार्यालयों में पांच कार्य दिवस की व्यवस्था पहले से ही लागू है। प्रदेश में अभी शनिवार और रविवार का शासकीय अवकाश रहता है। वर्ष 2020 से पहले दूसरे और तीसरे शनिवार को कार्यालय खुले रहते थे। पहले और चौथे शनिवार को अवकाश रहता था। कोरोना महामारी के समय संक्रमण को नियंत्रित रखने के लिए सप्ताह में पांच कार्य दिवस की व्यवस्था बनाई गई थी। यह अभी जारी है।
छुट्टियों पर पुनर्विचार के लिए सामान्य प्रशासन, वित्त, गृह और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई गई। इसका उद्देश्य स्वैच्छिक सहित जो कर्मचारियों को प्रति वर्ष मिलने वाले अन्य अवकाश पर पुनर्विचार करना है। उधर, वर्ष 2026 के लिए अवकाश घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। समय-समय पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिन विशेष पर ऐच्छिक अवकाश की जो घोषणा की है, उन्हें शामिल करते हुए अंतिम रूप दे दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इसमें पांच के स्थान पर छह कार्य दिवस की व्यवस्था बहाली शामिल नहीं है।
कर्मचारी इसके पक्ष में नहीं हैं। सभी का कहना है कि अब जो व्यवस्था बन गई है, उसमें कर्मचारी रच-बस गए हैं इसलिए परिवर्तन का अधिक औचित्य भी नहीं है। दशहरा के एक दिन पहले अवकाश के प्रस्ताव को नहीं मिली थी स्वीकृति दशहरा के एक दिन पहले भोपाल में सरकारी छुट्टी के जिला प्रशासन का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने आगे बढ़ाया था लेकिन मुख्य सचिव की हरी झंडी नहीं मिली। दरअसल, अक्टूबर में अवकाश अधिक थे। शासकीय कार्य प्रभावित न हो, इसलिए प्रस्ताव लौटा दिया गया।
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राज्य में मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 लागू था। इसमें वर्तमान स्थितियों को देखते हुए परिवर्तन किए गए हैं, जो एक जनवरी 2026 से लागू होंगे। संतान पालन अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) प्रथम 365 दिन पूर्ण वेतन के साथ मिलेगी, जबकि दूसरी बार में 80 प्रतिशत वेतन का भुगतान होगा।
18 वर्ष तक के बच्चे के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। अभी तक दो साल का अवकाश लेने तक वेतन कटौती का प्रावधान नहीं था, लेकिन संशोधित नियम में रखा गया है। एक वर्ष में तीन बार से अधिक अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। एकल महिला को एक कैलेंडर वर्ष (एक जनवरी से 31 दिसंबर) में छह बार अवकाश की पात्रता रहेगी। साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षकों को वर्ष में दस दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी।