नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। हृदय संबंधी बीमारी के कारण पिता 10 दिन से अस्पताल में भर्ती थे। बुधवार शाम डॉक्टर ने मरीज के लिए एक इंजेक्शन तुरंत लेकर आने को बोला। पिता की जान संकट में देख बेटा इंजेक्शन लेने के लिए चल दिया, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। इंजेक्शन लेकर आ रहा बेटा बदहवासी में बाइक से लाल घाटी के वन वे ब्रिज पर गलत दिशा पर चल पड़ा।
सामने से आ रही तेज रफ्तार मोटर साइकिल ने उसे टक्कर मार दी। उसे पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया। युवक की दो माह पहले ही शादी हुई थी। कोहेफिजा थाना पुलिस के मुताबिक 26 वर्षीय सुरेंद्र पुत्र कंछेदीलाल रजक पीरगेट क्षेत्र में परिवार के साथ रहता था। वह एक ज्वेलर्स की दुकान पर काम करता था। हृदय रोग के कारण सुरेंद्र के पिता मालीपुरा स्थित चिरायु अस्पताल में भर्ती थे।
बुधवार शाम को डॉक्टर ने सुरेंद्र को बताया कि उसके पिता को एक इंजेक्शन तत्काल लगाया जाना है, लेकिन वह इस अस्पताल में नहीं है। उसके लिए भैसाखेड़ी स्थित बड़े चिरायु अस्पताल जाना पड़ेगा। बिना समय गंवाए सुरेंद्र बाइक से भैंसाखेड़ी पहुंचा और इंजेक्शन लेकर चल दिया। पिता की जान पर संकट जानते हुए जल्दबाजी में वह बाइक लेकर लालघाटी स्थित ओवर ब्रिज के वन-वे रोड पर चल दिया। वह कुछ दूर ही चला था, तभी विपरीत दिशा से आ रही बुलेट मोटरसाइकिल से उसकी सीधी टक्कर हो गई।
हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सुरेंद्र को लालघाटी के पास स्थित तृप्ति अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। सुरेंद्र के रिश्तेदार ओमप्रकाश रजक ने बताया कि परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। बीमार होने के कारण पिता भी घर पर ही रहते हैं। सुरेंद्र जो कुछ भी कमाता था। उससे ही घर का खर्च चलता था। दो माह पहले ही सुरेंद्र की शादी हुई थी। हादसे के बाद परिवार काफी सदमे में है।