
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: प्रदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को जुलाई से हमारे शिक्षक एप के माध्यम से आनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य किया गया है, लेकिन शिक्षकों ने इससे बचने के लिए नेटवर्क न होने का बहाना बनाना शुरू कर दिया है।
उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने अब सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर इस महीने एप से आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं की गई तो वेतन में कटौती होगी। जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी जिलों के विकासखंड अधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। इसकी रिपोर्ट तीन दिनों में जमा करने के लिए कहा गया है, ताकि नेटवर्क की समस्या को सुधारा जा सके।
बता दें कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के चार लाख से अधिक शिक्षकों व अतिथि शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति के नियम लागू किए गए हैं। अभी करीब 52 प्रतिशत शिक्षक ही आनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक अतिथि शिक्षक आनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं। विभाग ने अधिकारियों को आदेशित किया है कि अपने विकासखंड के अंतर्गत जिन स्कूलों में नेटवर्क न होने से हमारे शिक्षक एप पर ई- उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही है।
इन विद्यालयों का भ्रमण कर उनकी सूची एवं प्रमाण तीन दिनों में उपलब्ध कराएं, ताकि नेटवर्क की समस्या का समाधान किया जा सके।
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हमारे शिक्षक एप में कोई समस्या नहीं है। इस माह का वेतन आनलाइन उपस्थिति पर ही दिया जाएगा।
-केके द्विवेदी, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय।