बैरसिया में बनने वाले इलेक्ट्रानिक क्लस्टर को बड़ा तालाब से मिलेगा पानी, 35 किमी दूर बिछेगी नई पाइप लाइन
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बुनियादी सुविधाओं का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले उद्योगों के लिए सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया प्राथमिकता पर चल रही है। पाइप बिछाने का पूरा खर्च मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड उठाएगा।
Publish Date: Fri, 24 Oct 2025 11:59:34 PM (IST)
Updated Date: Sat, 25 Oct 2025 12:13:06 AM (IST)
पाइप लाइन का सांकेतिक फोटो।HighLights
- दो एमएलडी जल सप्लाई योजना के लिए योजना।
- मनुआभान टेकरी फिल्टर प्लांट से संजीव नगर तक
- इंटरकनेक्शन कर बिछाई जाएगी पाइन लाइन।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। बैरसिया तहसील के ग्राम बांदीखेड़ी में विकसित होने वाले इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को अब बड़ा तालाब से पानी सप्लाई किया जाएगा।
इसके लिए मनुआभान टेकरी स्थित 50 एमएलडी क्षमता वाले फिल्टर प्लांट से संजीव नगर तक इंटरकनेक्शन कर लगभग 35 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जिसके माध्यम से रोजाना दो एमएलडी यानी करीब 20 लाख लीटर पानी बांदीखेड़ी भेजा जाएगा। यह पानी केवल औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा।
गौरतलब है कि 371 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से 210.21 एकड़ में तैयार किया जा रहा यह प्रोजेक्ट ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के तहत ईएमसी 2.0 (इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर) श्रेणी में शामिल है।
हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बुनियादी सुविधाओं का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले उद्योगों के लिए सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया प्राथमिकता पर चल रही है। पाइप बिछाने का पूरा खर्च मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड उठाएगा।
10 एमएलडी बढ़ाई जाएगी क्षमता
मनुआभान टेकरी फिल्टर प्लांट की क्षमता अमृत 2.0 प्रोजेक्ट के तहत 10 एमएलडी और बढ़ाई जाएगी, ताकि दो एमएलडी अतिरिक्त जल की निर्बाध आपूर्ति की जा सके। बड़ा तालाब पर जल दोहन का बोझ बढ़ने की आशंका के बीच, इस योजना को लागू करने से पहले नगर निगम परिषद में प्रस्ताव रखा जाएगा। विभागीय पत्राचार और स्वीकृतियों की औपचारिकता पूरी होने के बाद यह प्रस्ताव आगामी परिषद बैठक में पेश किया जाएगा।
मनुआभान फिल्टर प्लांट की क्षमता 50 एमएलडी है। अमृत 2.0 प्रोजेक्ट में इसकी क्षमता 10 एमलडी ओर बढ़ाई जाएगी। इसलिए दो एमएलडी बांदाखेड़ी को देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उदित गर्ग, अधीक्षण यंत्री जलकार्य शाखा ननि