
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया,भोपाल: राज्य सरकार ने बिना परमिट, परमिट शर्तों का उल्लंघन या कर चुकाए बिना चलने वाले वाहनों के लिए अर्थदंड की राशि बढ़ा दी है। इसके लिए मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 की धारा 13 में संशोधन किया गया है।
दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहन अगर मोटरयान कर का भुगतान किए बिना मप्र में चलते मिलते हैं तो उस पर देय मोटरयान कर के अतिरिक्त अर्थदंड के रूप में कर की लंबित रकम से चार गुना अधिक राशि देनी होगी। यह पहले मप्र में पंजीकृत वाहनों के लिए अधिकतम दोगुना थी, जबकि दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहनों के लिए कोई प्रविधान ही नहीं था।
इसी तरह से यदि सार्वजनिक परिवहन, निजी वाहन और स्कूल बसें बिना परमिट या परमिट शर्तों उल्लंघन करते हुए चलते मिलती हैं तो देय वाहन कर के अतिरिक्त अर्थदंड के रूप में प्रति सीट एक हजार रुपये लिए जाएंगे। पुराने नियम में वाहनों पर उनके देय मोटरयान कर की चार गुना राशि अर्थदंड के रूप में ली जाती थी।
नए नियम में माल वाहनों के बिना परमिट या परमिट शर्तों का उल्लंघन करने पर, वाहन में लदे माल के अनुसार एक हजार रुपये प्रति टन या उसके भाग (यानी उससे कम मात्रा) के लिए अर्थदंड लगेगा। पहले ऐसे वाहन में उसके जीवनकाल कर की राशि का 25 प्रतिशत अर्थदंड देना होता था।
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इसके साथ ही ठेका गाड़ी श्रेणी में आने वाले वाहन जैसे ऑल इंडिया टूूरिस्ट परमिट वाली मंजिली गाड़ी मप्र में चलते मिलने पर इसी मान से अर्थदंड लगाया जाएगा। इस संबंध में 13 सितंबर अधिसूचना जारी होने के बाद अब परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने आदेश जारी किए हैं।