नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। परासिया विकासखंड में हल्का बुखार और जुकाम होने के बाद अचानक किडनी इन्फेक्शन की समस्या से तीन बच्चों की नागपुर में मौत हो गई। करीब 10 बच्चों को यह समस्या हुई है। भोपाल की दो सदस्यीय टीम भी मंगलवार को यहां पहुंची है। टीम ने 350 से ज्यादा बच्चों के सैंपल लिए हैं। बीमारी के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए पिंजरे लगाकर चूहों को पकड़ा गया और मच्छरों के लार्वा के नमूने भी जुटाए हैं।
कलेक्टर शीलेंद्र सिंह का कहना है कि अचानक किडनी इन्फेक्शन से बच्चों की मौत चिंता का विषय है। जिला प्रशासन ने आइसीएमआर से संपर्क किया है और जल्द ही दिल्ली से टीम पहुंचेगी। पुणे स्थित लैब में भी सैंपल भेजे गए हैं। परासिया के जाटाछापर में पांच साल, चार साल का बच्चा और उमरेठ में 18 महीने की बच्ची की मौत हो चुकी है।
बच्चों के स्वजन का कहना है कि हल्का बुखार और जुकाम की शिकायत के चलते निजी अस्पतालों में चेकअप कराया था। वहां पर इलाज हुआ और उसके बाद अचानक यूरिन की समस्या होने लगी। उन्हें नागपुर रेफर किया गया, जहां पता चला कि बच्चों की किडनी में इंफेक्शन है। भोपाल से आए जांच दल में शामिल महामारी विशेषज्ञ शाव्या सलाम और शैलेंद्र सिंह ने उन इलाकों का दौरा किया, जहां बच्चों की मौत हुई है।
सिविल अस्पताल परासिया के डाक्टर प्रवीण सोनी ने बताया कि वर्षा के बाद और ठंड की शुरुआत के महीने को संधि काल कहा जाता है। इस दौरान संक्रमण की समस्या ज्यादा होती है। हल्का सर्दी जुकाम और बुखार से शरीर में पानी की कमी होती है, लेकिन किडनी का इन्फेक्शन अचानक हो रहा है। रोज लगभग 120 बच्चों की सीबीसी और किडनी जांच हो रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही कारणों का पता चल जाएगा।