नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सीरप मामले की जांच कर रही एसआइटी की टीम पांच दिन से चेन्नई में डेरा डाले हुए है। जांच के दौरान टीम ने कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। हालांकि इस पूरे प्रकरण में श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन के परिवार की संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। एसआइटी ने दवा कंपनी और ड्रग टेस्टिंग लैब से रिकॉर्ड, दस्तावेज जुटाए हैं और कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान भी लिए हैं, ताकि केस को और मजबूत बनाया जा सके।
एसआइटी रंगनाथन को लेकर शनिवार को चेन्नई से छिंदवाड़ा पहुंचेगी। श्रीसन फार्मा में कफ सीरप की गुणवत्ता जांच की जिम्मेदारी केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी की थी, लेकिन उनके स्तर से जांच नहीं कराई गई, जिससे अमानक सीरप बाजार में पहुंचा और बच्चों की मौत हुई। माहेश्वरी को तीन दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं, कोल्ड्रिफ कफ सीरप के होलसेलर राजेश सोनी और रिटेलर सौरभ जैन की दो दिन की रिमांड खत्म होने पर गुरुवार को उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शैलेंद्र उइके के न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।
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मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा-पांढुर्णा व बैतूल के 24 बच्चों की मौत कफ सीरप पीने के बाद किडनी फेल होने से हुई है। प्रशासन ने तीन बच्चों का पोस्टमार्टम कराया है। कफ सीरप में शामिल डायएथिलीन ग्लाइकाल केमिकल ने बच्चों के दूसरे अंगों को भी धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त किया था, जिसमें लीवर और फेफड़े भी शामिल हैं। जहरीली दवा से बच्चों के मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया था। अभी तीन बच्चे नागपुर में गंभीर हालत में भर्ती हैं।