भोपाल। छिंदवाड़ा मामले में आज प्रदेश सरकार ने एक्शन लेते हुए तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है, *मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस क्रम में औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित और ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छिंदवाड़ा प्रकरण के संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
1. शोभित कोष्टा, उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी औषधि प्रशासन भोपाल,
2. शरद जैन औषधि निरीक्षक जबलपुर और
3. गौरव शर्मा औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दुकानों में विद्यमान स्टॉक जप्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए। *कोल्ड्रिफ सिरप दवा के अलावा पिछले दिनों क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन कराया जाए।
बैठक में बताया गया कि छिंदवाड़ा से गंभीर प्रकरणों की जानकारी प्राप्त होते ही राज्य स्तर से चिकित्सकों का दल छिंदवाड़ा भेजा गया। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टेण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन का भी जांच में सहयोग लिया गया।
आठ मरीजों की जांच के लिए उनके नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए। साथ ही छिंदवाड़ा से विभिन्न दवाओं के सैम्पल लेकर उनकी जांच कराई गई। छिंदवाड़ा और परासिया के निजी चिकित्सकों, अस्पतालों और केमिस्ट के साथ बैठक कर स्थिति का आंकलन किया गया और उन्हें आवश्यक सावधानियां बरतने के संबंध में सलाह दी गई।
छिंदवाड़ा जिले में प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे आरंभ किया गया। क्षेत्र से प्राप्त हो रहे इस प्रकार के प्रकरणों को आवश्यकता होने पर आगे के इलाज के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर के लिए रैफर किया गया। जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर दवा पर प्रतिबंध लगाया गया तथा अस्पतालों और केमिस्टों के निरीक्षण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई।
बैठक में जानकारी दी गई कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी इस आशय की सूचना दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर से कोल्ड्रिफ सिरप की जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाये जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया। साथ ही अधिकांश मरीजों को कोल्ड्रिफ दवा लिखने तथा अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से कोल्ड्रिफ दवा की बिक्री कराने वाले डॉक्टर के निलंबन और दवा निर्माता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की गई।बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री राजेंद्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव सहित अधिकारी उपस्थित थे।