
नईदुनिया प्रतिनिधि छिंदवाड़ा। जिले के परासिया विकासखंड स्थित चांदामेटा सिविल अस्पताल में गंभीर मामला सामने आया है। यहां प्रसव के दौरान डॉक्टर और नर्स की लापरवाही के चलते प्रसूता देविका साहू के शरीर के अंदर कथित तौर पर कपड़ा छूट गया। इस लापरवाही से फैले गंभीर संक्रमण के कारण महिला की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और वह वर्तमान में छिंदवाड़ा के एक निजी अस्पताल में जीवन और मौत से संघर्ष कर रही है।
पीड़ित महिला के पति कैलाश साहू, निवासी इटावा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में उनकी पत्नी की डिलीवरी के लिए उनसे 4000 रुपये की राशि ली गई थी। उन्होंने कहा, “सरकारी अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मेरी पत्नी की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। उसके शरीर में सूजन आ गई और खून में बदबू आने लगी। जब हम छिंदवाड़ा में एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखाने गए, तब उन्होंने माइनर ऑपरेशन करके यह कपड़ा बाहर निकाला। इन लोगों की लापरवाही के कारण आज मेरी पत्नी की जान खतरे में आ गई है। डिलीवरी के लिए कपड़ा भी हमसे ही मंगवाया गया था।”
घटना की पुष्टि
पीड़ित महिला का इलाज कर रहीं निजी चिकित्सक डॉ. कंचन दुबे ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, “महिला की हालत बहुत गंभीर थी और शरीर में संक्रमण बहुत तेजी से फैल गया था। जांच के दौरान उनके प्राइवेट पार्ट से कपड़ा निकाला गया है। समय पर इलाज मिलने से फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों की स्थिति अब स्थिर है।”
कारण बताओ नोटिस
चांदामेटा की मेडिकल ऑफिसर डॉ. रेणुका सिंह ने बताया कि चूंकि महिला की यह दूसरी डिलीवरी थी, इसलिए डिलीवरी नर्स द्वारा करवाई गई थी। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता द्वारा उन्हें इस घटना की जानकारी मिली है। अस्पताल प्रशासन ने ड्यूटी पर मौजूद दो नर्सों संतोषी खरे और नीलम को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।
CM हेल्पलाइन पर शिकायत
पीड़ित परिवार ने इस घटना के बाद 23 नवंबर 2025 को CM हेल्पलाइन (181) पर शिकायत (क्रमांक: 35496724) दर्ज करा दी है।