
नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। जिले में बड़े पैमाने पर मत्तांतरण का खेल चल रहा है। इस मामले में ईसाई मिशनरियों के सबसे ज्यादा निशाने पर भोले भाले आदिवासी रहते हैं। ताजा मामला जुन्नारदेव के बिलावर कला का है। यहां मतांतरण के आरोप में 3 शिक्षकों पर गाज गिरी है। इससे पहले भी तामिया, चौरई और अन्य इलाके में भी इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए विधिवत प्लानिंग की जाती है। पैसे और अन्य प्रलोभन देकर आदिवासियों को अपनी तरफ किया जाता है। इस मामले में शैक्षणिक संस्थान सबसे ज्यादा निशाने पर होते हैं।
जुन्नारदेव के बिलावर कला गांव के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों ने शिकायत दर्ज कराई है कि एक शिक्षिका (सीमा मैथ्यूज) और छात्रावास अधीक्षक (नरेंद्र उईके) उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे थे। छात्रों ने आरोप लगाया था कि शिक्षिका उन्हें हिंदू रीति-रिवाजों से दूर रहने और ईसाई धर्म की बातें मानने के लिए कहती थीं। साथ ही, टीका या कलावा पहनकर आने पर उसे जबरन हटवाया जाता था और आदेश न मानने पर टीसी (स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र) देने की धमकी दी जाती थी।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और कन्हान बचाओ मंच की शिकायत और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर, जिला प्रशासन और जनजातीय कार्य विभाग ने कार्रवाई की। मामले के तीनों आरोपितों (शिक्षिका, अधीक्षक और प्राचार्य अनिल कुमार सूर्यवंशी) को उनके पदों से हटा दिया और प्राचार्य का तबादला कर दिया गया है, जबकि अन्य दो को बीईओ कार्यालय अटैच किया गया है। लागातर मामले आ रहे है सामने जिले में लगातार इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं।
परासिया के ग्राम सोनापिपरी, कोसमी में मतांतरण की शिकायत की गई थी कि सीधे-साधे आदिवासियों को प्रलोभन देकर उन्हें जबरन ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर आदिवासियों ने शिकायत की थी कि अन्य ग्रामों में पांढ़रापानी, सहपानी, देवरीटाना, सोनापिपरी, गांगीवाड़ा समेत ग्रामीण अंचलों के लोगों को अपने निवास पर बुलाकर प्रलोभन देने की बात कही गई। इनका कहना है कि हमें जैसे ही इस मामले में शिकायत मिली हमने तत्काल कारवाई की है। विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है। सत्येंद्र मरकाम, सहायक आयुक्त। जनजातीय कार्य विभाग।