
Pitambara Peeth Datia: कुलदीप सक्सेना, दतिया। दतिया में स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ पर मां पीतांबरा लोक को बनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। देश विदेश के श्रद्धालुओं को यहां तंत्र साधना के साथ अध्यात्म का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। करीब ढाई करोड़ की लागत से बनने वाले इस पीतांबरा लोक के लिए तैयारी शुरू हो गई है। मप्र पर्यटन विभाग ने पीतांबरा पीठ ट्रस्ट की सहमति से आठ से 10 हजार वर्ग फीट भूमि चिह्नित करने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। दतिया गौरव दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में महाकाल की तरह ही दतिया में पीतांबरा लोक बनाए जाने की घोषणा की थी। पीताम्बरा लोक का निर्माण मंदिर ट्रस्ट, पीतांबरा पीठ के सुझाव व सलाहनुसार ही किया जाएगा।
मां के विभिन्न स्वरुपों की लगेंगी प्रतिमाएं
पीतांबरा लोक में माई के विभिन्न स्वरुपों की प्रतिमाओं के साथ दस महाविद्या, हरिद्रा गणेश, काल भैरव, बटुक भैरव, भगवान शिव, मां पीतांबरा के प्रथम उपासक ऋषि मुनियों की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। जिनके साथ उनके संबंध में जानकारियां भी अंकित रहेंगी, ताकि श्रद्धालुओं को मां पीतांबरा के विभिन्न रूपों के वर्णन सहित शास्त्रों में उल्लेखित जानकारियां आसानी से मिल सके। इसी कार्ययोजना को लेकर पीतांबरा लोक बनाया जाना प्रस्तावित है।
पर्यटन बोर्ड के मुताबिक लगभग आठ से दस हजार वर्गफीट भूमि की आवश्यकता के साथ ही ऐसे स्थल का चयन आवश्यक होगा, जहां से श्रद्धालु भ्रमण कर मां पीताम्बरा के दर्शन के लिए आसानी से पहुंच सकें। इसके लिए पीतांबरा पीठ के प्रांगण में ही उचित स्थान उपलब्ध कराने के लिए मंदिर ट्रस्ट की सहमति भी मांगी गई है।
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला के मुताबिक मां पीताम्बरा लोक के निर्माण में होने वाला वाला व्यय मप्र शासन के पर्यटन विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। जिसके निर्माण के पश्चात इसके सुचारू संचालन तथा रख-रखाव की जिम्मेदारी मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाएगा। अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय का कहना है कि भूमि चिह्नित करने को लेकर मंदिर के ट्रस्ट को पत्र भेजा जा रहा है, ताकि इस प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जा सके।
पीतांबरा पीठ मंदिर के आसपास भी काफी बड़ा भूभाग उपलब्ध है। जमीन चिह्नित करने के संबंध में मंदिर ट्रस्ट की ओर से ही निर्णय लिया जाएगा। ट्रस्ट के पदाधिकारी जल्द ही इसका अवलोकन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। - बीपी पाराशर, व्यवस्थापक, पीतांबरा पीठ