(पेज दो की लीड)
11 देवास 05 बिंजाना का नवनिर्मित रेलवे स्टेशन।
11 देवास 06 बिंजाना रेलवे स्टेशन पर तैयार हो रहा है रपटा मार्ग।
11 देवास 07 नए ट्रेक के लिए सर्वोदय नगर में तैयार बनाया पुल।
-79.23 किमी के इंदौर-देवास-उज्जैन रेल दोहरीकरण प्रोजेक्ट का काम शुरू, बजट में मिले 200 करोड़ रुपये
उदय आरस
देवास। इंदौर से देवास होकर उज्जैन तक रेलवे ट्रेक दोहरीकरण के लिए हाल ही में केंद्र सरकार के बजट में 200 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसी के साथ कुल 79.23 किमी के डबलिंग प्रोजेक्ट का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। इंदौर से देवास के बीच तेजी से अर्थवर्क किया जा रहा है। बिंजाना रेलवे क्रासिंग के पास सर्वोदय नगर में नाले पर पुल का काम पूरा हो गया है। हालांकि ट्रेक का दोहरीकरण कब तक पूरा होगा फिलहाल इसे लेकर समय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होते ही देवास भी विकास के नए आयाम छूने लगेगा। अतिरिक्त ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। क्रासिंग कम होगी तो ट्रेनों का समय बचेगा। भविष्य को ध्यान में रखते हुए बिंजाना का रेलवे स्टेशन विकसित किया जा रहा है। देवास की आधी आबादी को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
इंदौर से व्हाया देवास 40 ट्रेनें चलती हैं रोज
इंदौर से देश के विभिन्ना प्रांतों को जाने वाली करीब 40 ट्रेनें प्रतिदिन देवास होकर आना-जाना करती हैं। इनमें भी लंबी दूरी की ट्रेनें जिनमें मुुंबई, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और दक्षिण भारत के शहरों को जाती हैं। इंदौर से करीब 56 हजार यात्री प्रतिदिन ट्रेन से सफर करते हैं।
ऐसे समझे दोहरीकरण के लाभ को
रेलवे ट्रेक के दोहरीकरण का सीधा लाभ देवास को मिलेगा। जब दो ट्रेक होंगे तो ट्रेनों की क्रासिंग बहुत हद तक घट जाएगी। ट्रेनों का समय बचेगा। रेलवे यातायात की क्षमता में एकदम से बूम आ जाएगा। अतिरिक्त ट्रेनों की संख्या भी इस रुट पर बढ़ेंगी। माल गाड़ियों के फर्राटे बढ़ जाएंगे। परिणाम यह होगा कि प्रदेश के व्यवसायिक शहर इंदौर और औद्योगिक शहर देवास का महत्व बढ़ जाएगा। रेलवे जानकारों का कहना है कि रेलवे का सारा सिस्टम अर्निंग के बेस पर चलता है। यानी जब अर्निंग होने लगेगी तो देवास स्टेशन की रुपरेखा भी बदल जाएगी। रेलवे की कई और सुविधाएं भी मिलने लगेगी।
विकसित हो रहा है बिंजाना का स्टेशन
औद्योगिक क्षेत्र से लगे बिंजना में वैसे तो औपचारिक स्टेशन काफी पहले से हैं, लेकिन भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे अब पूर्ण विकसित किया जा रहा है। यहां स्टेशन पर दो ट्रेक पहले से हैं, लेकिन इंदौर-देवास के बीच दोहरीकरण के लिए स्टेशन के सामने वाले प्लेटफार्म के पास से एक ट्रेक और बनाया जा रहा है। फुट ब्रिज तैयार हो गया है, पैबर ब्लाक्स लगाने का काम चल रहा है। शेड वाला पाथ वे (रपटा) भी बनाया गया है। यहां और प्लेटफार्म बनाने की योजना है। बिंजना स्टेशन को कुछ इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि ताकि 20 से 24 कोच की ट्रेन भी यहां आसानी से ठहर सके। आगे कोच के लिए डिस्प्ले भी लगाए जाएंगे। इस स्टेशन से देवास के मुख्य स्टेशन की पटरी से दूरी 7.7 किमी और सड़क से 11 किमी है। बिंजना का स्टेशन विकसित होने पर शहर की आधी आबादी को इसका लाभ मिलेगा। लोक परिवहन को भी बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को देवास स्टेशन पहुंचने में 8 से 11 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।
काम सतत जारी रहेगा
इंदौर से उज्जैन तक देवास होकर ट्रेक दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए 200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है। रेल विभाग जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगा है। कब तक पूरा होगा यह नहीं कह सकते। काम सतत जारी रहेगा।
- खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी रेलवे इंदौर