
नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। स्वच्छता सर्वे 2024-25 में तीन लाख तक के आबादी वाले शहरों में देवास देशभर में पहले स्थान पर रहा था। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में भी देवास ही अव्वल था। अब देवास नगर निगम एक और नवाचार करने जा रहा है। योजना यह है कि नगर निगम की बिजली संबंधी सभी जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए। इससे बिजली बिल के सालाना आठ से नौ करोड़ रुपये तक बचेंगे। योजना सफल रही तो यह उपलब्धि हासिल करने वाला देवास प्रदेश का पहला नगर निगम बन जाएगा।
अभी निगम भवन सहित एसटीपी प्लांट, शिप्रा वॉटर प्लांट, शहर की स्ट्रीट लाइट, ट्रेंचिंग ग्राउंड जैसी जगहों के लिए नगर निगम दस रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रहा है। सालाना 18 लाख यूनिट की खपत होती है। मार्च में रखा गया था प्रस्ताव, अब टेंडर बुलाने की तैयारी निगम और उसके आधिपत्य वाले भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का प्रस्ताव मार्च में हुई नगर निगम परिषद की बैठक में सभापति रवि जैन ने रखा था। इसके पीछे तर्क था कि निगम की आय बढ़ाने के बारे में तो सोचना जरूरी है ही, लेकिन यह सोचना भी जरूरी है कि निगम के खर्च को कैसे कम किया जाए।
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बिजली बिल में ही नगर निगम को सालाना करीब 18 करोड़ रुपये खर्च आ रहा है। बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब नगर निगम टेंडर प्रक्रिया करेगा। हालांकि बीच में आयुक्त का तबादला हो गया था, जिस कारण योजना पर काम नहीं हो सका। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। जो ठेकेदार सबसे कम दर में सौर ऊर्जा से बिजली देगा, उसे काम दिया जाएगा।