नईदुनिया न्यूज, बागली। बागली रेंज की पलासी बीट के कक्ष क्रमांक 750 में बांस पौधारोपण मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शुक्रवार को जब वन विभाग की टीम जांच और निर्माण कार्य के लिए मौके पर पहुंची, तो सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरुष तीर-कमान लेकर खड़े हो गए और उन्होंने काफिले को प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया।
आदिवासियों की मांग
ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक पूरे मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होगी, तब तक कोई काम नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग रखी कि-
जिस निर्दोष व्यक्ति को पट्टे का लालच देकर फंसाया गया है, उसे आरोपमुक्त किया जाए।
दो दिन पहले लगाई गई तार फेंसिंग और सुरक्षा जालियां हटाई जाएं।
हाल ही में लगाए गए बांस के पौधों को गिनती में शामिल न किया जाए।
मौके पर चर्चा
एसडीओ वन विकास माहोरे और उनकी टीम को ग्रामीणों ने रोककर अपनी आपत्तियां सामने रखीं। इस दौरान आदिवासी संगठन के रणजीत भिलाला और मुकेश बामनिया भी मौजूद रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि कक्ष में अधूरे निर्माण कार्य किए गए हैं।
ग्रामीणों ने यह भी शर्त रखी कि पौधों की निंदाई का काम केवल गांव के लोगों से कराया जाए, बाहरी श्रमिकों को इसमें शामिल न किया जाए।
जांच टीम गठित
देवास डीएफओ वीके पटेल ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय दल बनाया गया है, जिसमें बागली रेंज से बाहर के दो रेंज अधिकारी और बागली एसडीओ शामिल हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार मौसम खुलते ही निंदाई कार्य शुरू कराया जाएगा।