नईदुनिया न्यूज, देवास। जिले में मरीजों को अस्पताल तक लाने-ले जाने की सुविधा के लिए कागजों पर 44 एंबुलेंस दौड़ने के दावों के उलट धरातल पर स्थिति चिंताजनक है। कई दूरस्थ क्षेत्रों में समय पर 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रही है, जिसके कारण मरीजों की हालत बिगड़ रही है।
जिले के अंतिम छोर पर स्थित नेमावर में समय पर एंबुलेंस नहीं आने के कारण एक गर्भवती को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका और उसे घर में ही प्रसव हो गया, बाद में नवजात की हालत बिगड़ गई। स्वजन एक लोडिंग वाहन से जच्चा-बच्चा को लेकर नेमावर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां जांच के बाद नवजात को मृत घोषित कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, नेमावर के वार्ड क्रमांक-12 में रहने वाली अनीता को बुधवार को घर पर ही प्रसव हुआ। स्वजनों ने 108 एंबुलेंस के लिए संपर्क किया, लेकिन बार-बार कुछ देर में वाहन भेजने की बात कही गई। इसके बाद स्वजनों ने लोडिंग वाहन के सहारे महिला व नवजात को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, यहां जांच के बाद नवजात को मृत घोषित कर दिया गया।
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार महिला को बिना दर्द के प्रसव हो गया था, बाद में एंबुलेंस वाहन समय पर नहीं मिलने के कारण अस्पताल आने में देर हो गई थी।
प्रसव की सूचना के बाद आशा कार्यकर्ता को महिला के घर भेजा गया था, उस समय जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ थे। उधर स्वजनों ने नवजात की मौत के लिए एंबुलेंस की देरी को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है। खातेगांव विकासखंड में पूर्व में भी समय पर 108 एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
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खातेगांव के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. तुषार गुप्ता के अनुसार महिला का प्रसव घर पर होने, समय से एंबुलेंस नहीं मिलने की जानकारी सामने आई है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
उनका कहना है कि 'हमको जैसे ही सूचना मिली थी, खातेगांव अस्पताल की एक पुरानी एंबुलेंस का उपयोग करके नेमावर से खातेगांव लाकर प्रसूता को निगरानी में रखा गया है, उसकी हालत सामान्य है।'