
नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को देवास में भगतसिंह मार्ग पर संचालित इंदौर डायग्नोस्टिक सोनोग्राफी सेंटर पर आकस्मिक निरीक्षण किया। टीम जब पहुंची तो मौके पर एक व्यक्ति महिला की सोनोग्राफी करता मिला। टीम ने जब उसकी योग्यता पूछी तो बताया कि वह एक्सरे टेक्नीशियन है। टीम ने संबंधित को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह मौके से भाग निकला। कार्रवाई के बाद सेंटर को बंद करवा दिया गया। इधर बाद में यह पता चला कि इसी नाम से शिप्रा में भी सेंटर है। वहां भी टीम पहुंची लेकिन सेंटर बंद मिला। इस सेंटर पर भी नोटिस चस्पा किया गया।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.संतोष कोतकर व टीम मंगलवार दोपहर 1.25 बजे सेंटर पर पहुंची। यहां 5 से ज्यादा महिलाएं सोनोग्राफी कराने आई हुई थी, जिनसे 1000 से 1400 रुपये तक जमा करवाए गए थे। टीम को यहां गंभीर अनियमितता मिली, जिसके चलते रिकार्ड जब्ती कर सभी महिलाओं द्वारा जमा राशि उन्हें वापस करवाई और सोनोग्राफी सेंटर को बंद किया गया।
बंद मिला एक सेंटर सीएमएचओ डा सरोजिनी बेक ने बताया कि सोनोग्राफी सेंटर संचालक चिकित्सक का देवास शहर सहित ग्राम क्षिप्रा में भी एक सेंटर है। सूचना के बाद टीम दोपहर 2.30 बजे क्षिप्रा सेंटर पहुंची लेकिन वह बंद मिला। दोनों सेंटर पर डाक्टर नहीं मिले। दोनों सेंटर पर नियमों का उल्लंघन होने पर इन्हें बंद करवाकर नोटिस चस्पा किया गया।
डा कोतकर ने बताया कि देवास में कार्रवाई के दौरान एक महिला चिकित्सक की बीएचएमएस, बीएससी बायोटेक्नालाजी की चिकित्सकीय पर्ची पर सोनोग्राफी लिखी हुई मिली। सोनोग्राफी करवाने पहुंची महिला के पास से ही यह पर्ची मिली। इसके बाद टीम संबंधित महिला चिकित्सक के सेंटर भी पहुंची, तो वहां एक व्यक्ति शटर उतारकर वहां से भाग निकला। निरीक्षण के दौरान डा संतोष कोतकर, जिला मीडिया अधिकारी श्रुति गौर तोमर, उप जिला मीडिया अधिकारी कमलसिंह डावर, अजय डेविड, धीरज वाघमारे, सुशांतसिंह मौजूद थे।
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