
शैलेंद्र लड्ढा, नईदुनिया, कुक्षी(धार)। धार जिले की कुक्षी तहसील के दाहोद ग्राम के किसानों ने सामूहिक श्रम और जन सहयोग का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो प्रशासनिक तंत्र को आईना दिखा रहा है। वर्षा के बाद कीचड़ और गड्ढों से भरे जिस मार्ग से होकर किसानों के लिए अपने खेतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया था, उसे गांव के लोगों ने अपने दम पर एक सुगम सड़क में बदल दिया। दाहोद से निंबोल को जोड़ने वाला यह मार्ग वर्षों से जर्जर स्थिति में था।
वर्षा के दिनों में रास्ता पूरी तरह खराब हो गया। जिससे किसानों की करीब 300 एकड़ भूमि तक पहुंचना कठिन हो गया था। गांव के 38 किसानों ने अपनी सामूहिक शक्ति दिखाते हुए 30 अक्टूबर से श्रमदान शुरू किया। किसान वीरेंद्र पाटीदार और शुभम पाटीदार ने बताया कि पिछले चार दिनों से किसान लगातार सड़क निर्माण में जुटे रहे। उन्होंने अपने निजी ट्रैक्टरों की मदद से करीब 80 ट्राली मुरम डाली और सड़क को समतल किया।
इस कार्य में लगभग डेढ़ लाख रुपये का खर्च किसानों ने स्वयं वहन किया। इस जन सहयोगी प्रयास से अब यह मार्ग आवागमन योग्य बन गया है। इस सड़क से दाहोद से निंबोल की दूरी करीब दो किलोमीटर कम है। अब तक इस मार्ग के परिवहन योग्य नहीं होने से लोगों को घूमकर जाना पड़ता था।
ग्रामीण अभिषेक पाटीदार और मोहन जीवाजी का कहना है कि वर्ष 2022 में इस मार्ग के नाले पर पुलिया निर्माण की तकनीकी स्वीकृति दी जा चुकी है, परंतु आज तक वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई। नाले पर पुलिया नहीं होने से हर साल बरसात में पानी बहने से सड़क खराब हो जाती है। सड़क की मरम्मत तो कर दी गई है लेकिन बरसात में सड़क फिर खराब हो जाएगी।
किसान अक्षय पाटीदार और योगेंद्र पाटीदार ने बताया कि अब सरकार से उम्मीद है कि वह इस जनसहयोगी प्रयास को स्थायी रूप दे। यदि शासन पुलिया और सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दे, तो यह मार्ग स्थायी रूप से आवागमन योग्य बन सकेगा और आसपास के गांवों को भी लाभ मिलेगा।
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